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अमिताभ, प्रीति जिंटा व माधुरी पर 'मैगी' संकट

नेस्ले इंडिया के चर्चित प्रोडक्ट मैगी के प्रचार व उत्पादन को लेकर सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा, नेस्ले के प्रबंधक मोहन गुप्ता, शबाव आलम बुरे फंसे हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Mon, 01 Jun 2015 09:16 PM (IST)
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मुजफ्फरपुर। नेस्ले इंडिया के चर्चित प्रोडक्ट मैगी के प्रचार व उत्पादन को लेकर सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा, नेस्ले के प्रबंधक मोहन गुप्ता, शबाव आलम बुरे फंसे हैं। इतना ही नहीं मैगी के अन्य ब्रांड एंबेसडरों पर भी गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है।

मैगी के प्रचार के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में सोमवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम वीपी सिंह के न्यायालय में अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा, नेस्ले के प्रबंधक मोहन गुप्ता, शबाव आलम के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है। यह परिवाद अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर किया है। मंगलवार को परिवाद पत्र की सुनवाई होगी।

परिवादी ने कहा है कि कई चैनलों व समाचार पत्रों के माध्यमों से कंपनी के प्रमुख उत्पाद मैगी का प्रचार देखा व सुना है। आरोपियों ने जानबूझ कर अपने प्रोडक्ट को बेचने एवं पैसा कमाने के उद्देश्य से गलत प्रचार-प्रसार कर परिवादी एवं अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी की।

हाल के दिनों में मैगी की जांच के बाद यह बात सामने आई कि इसमें घातक रसायन मिलाया जाता है। 30 मई को लेनिन चौक के निकट मैगी खरीदी व उसे परिवार के अन्य लोगों के साथ खाया। इससे सभी की तबियत खराब हो गई। कंपनी ने आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए जानबूझ कर गलत प्रचार कर इसे एक बेहतर उत्पाद बताने की कोशिश की गई है।

मैगी की जांच की आंच उसके ब्रांड एंबेसडरों पर भी पड़नी तय

देश के सभी राज्यों के विभिन्न जगहों से मैगी नूडल्स के नमूने लेकर केंद्र सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट अगले दो-तीन दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। इसके बाद कार्रवाई शुरू होगी, जिसकी चपेट में ब्रांड एंबेसडर भी आएंगे।

घटिया चीजों को बढि़या बताकर उपभोक्ताओं को लुभाने वाले ब्रांड एंबेसडरों को सरकार ने कड़ी चेतावनी दी है। हालांकि, मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया ने दावा किया है कि उसने सैंपलों की जांच अपनी लेबोरेटरी के अलावा एक बाहरी प्रयोगशाला में भी कराया है। इसमें मैगी को खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित पाया गया है।मैगी नूडल्स के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर प्रचार करने वालों के खिलाफ सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

अन्य उत्पादों के बारे में भी सरकार का यही रवैया होगा। उत्तर प्रदेश के बाद मैगी का नमूना देश भर में विभिन्न हिस्सों से लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। इसकी रिपोर्ट अगले दो-तीन दिनों के भीतर आ जाएगी, तब कार्रवाई होनी तय है।खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान सोमवार को यहां अपने मंत्रालय से संबंधित उपलब्धियों का ब्योरा देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से कई जगहों से मैगी का नमूना लेकर जांच करा रहा है। इसकी रिपोर्ट दो-तीन दिनों के भीतर आ जाएगी। गुणवत्ता में कमी पाए जाने की दशा में उसके ब्रांड एंबेसडर भी सरकार के निशाने पर होंगे। पासवान ने कहा कि जांच रिपोर्ट में कमी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई संभव है, जिन बड़ी हस्तियों ने भ्रामक प्रचार में हिस्सा लेकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया है।

खाद्य मंत्री ने एफएसएसएआइ को मामले की जांच गंभीरता से करने और सख्त कार्रवाई करने के लिए मुकदमा दर्ज कराने के लिए पत्र भी लिखा है। पासवान ने बताया कि उनके मंत्रालय को मैगी से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इस बारे में पूछे जाने पर उपभोक्ता मामले के अपर सचिव जी गुरुबचन सिंह ने मैगी के मामले में सरकार की ओर उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एफएसएसएआइ ने सभी राज्यों से नमूने प्राप्त कर लिए हैं, जिनमें से ज्यादातर की जांच रिपोर्ट अगले दो तीनों के भीतर मिल जाने की संभावना है।