गुटबाजी के बीच चुनावी मोर्चे पर अकेले लवली
सूबे में विधानसभा चुनाव की तारीख अब कभी भी घोषित की जा सकती है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव की आहट सुनाई दे रही है। लेकिन कांग्रेस अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि चुनाव प्रचार समिति का मुखिया कौन होगा।
By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Mon, 05 Jan 2015 09:29 AM (IST)
नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो] सूबे में विधानसभा चुनाव की तारीख अब कभी भी घोषित की जा सकती है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में चुनाव की आहट सुनाई दे रही है। लेकिन कांग्रेस अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि चुनाव प्रचार समिति का मुखिया कौन होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन के बीच के सियासी मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे जबकि सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर जैसे दिग्गज नेताओं को आगे करने में पार्टी हिचक रही है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली अकेले दम पर ही विपक्षी पार्टियों से दो-दो हाथ करने में जुटे हुए हैं। पार्टी नेताओं ने बताया कि बीते एक सप्ताह में ही प्रदेश अध्यक्ष ने अलग-अलग क्षेत्रों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित किया है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के बाद सबसे ज्यादा राजनीतिक सभाओं में शिरकत करने वाले लवली दूसरे बड़े नेता हैं। इसके अलावा अभी भाजपा के बड़े नेता भी चुनाव मैदान में नहीं दिख रहे हैं।पार्टी ने भी लवली को माना नेता
कांग्रेस के भीतर और राजधानी में पिछले दिनों यह चर्चा आम रही कि पार्टी चुनाव प्रचार के मामले में आप और भाजपा से पिछड़ रही है। शायद इन्हीं चर्चाओं का परिणाम था कि पार्टी ने आनन-फानन में दो दर्जन मजबूत नेताओं की उम्मीदवारी का एलान कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते लवली इन तमाम विधानसभा क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार में जुट गए हैं। खास बात यह भी है कि पार्टी की ओर से जारी किए गए विज्ञापन में भी कांग्रेस ने अपनी ओर से लवली को ही नेता घोषित किया है। आप के अलावा कांग्रेस ने भी कई स्थानों पर अपने होर्डिग्स लगाने की शुरुआत कर दी है।रामलीला मैदान में रैली करेगी पार्टी
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि पार्टी को जनवरी के दूसरे सप्ताह में रामलीला मैदान में बड़ी रैली करनी है। जाहिर तौर पर लवली के लिए यह रैली बेहद अहम है। रैली को सफल बनाने के लिए भी उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। लवली को छोड़कर कुछ खास जगहों पर सज्जन कुमार को भी देखा गया है। इसके अलावा पार्टी का कोई और बड़ा नेता अब तक मैदान में नहीं आया है। रैली के बाद कांग्रेस चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकेगी।कांग्रेसी दिग्गजों के टिकट पर चलेगी कैंची सूबे में अपनी खोई सियासी ताकत को वापस पाने की खातिर कांग्रेस बड़ी संख्या में पुराने प्रत्याशियों को बदल सकती है। पार्टी द्वारा इस सप्ताह के अंत तक दूसरी सूची घोषित करने की संभावना है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नए चेहरों को सामने लाने की कवायद में कांग्रेस के कई मशहूर नेताओं के टिकटों पर कैंची चल सकती है। पार्टी 24 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। कांग्रेस के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो पिछले चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के प्रदर्शन के विश्लेषण के क्रम में यह बात भी देखी गई कि किस उम्मीदवार ने कितने फीसद वोट हासिल किए। यदि कांग्रेस प्रत्याशी को 24 फीसद मत मिले थे तो उससे ज्यादा मत हासिल करने वाले प्रत्याशियों के नाम पर ही विचार किया जाएगा, कम वाले पर बिल्कुल नहीं। माना यह जा रहा है कि ऐसे में बड़ी संख्या में कांग्रेस प्रत्याशी इस पैमाने पर भी टिकट की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में पूर्वाचल और उत्तराखंड के लोगों की भारी उपेक्षा हुई थी। लेकिन इस चुनाव में पार्टी कम से कम चार सीटों पर पूर्वाचल से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को टिकट देगी जबकि तीन सीटों पर उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को चुनाव लड़ाया जाएगा। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि यह सही है कि अब दिल्ली की सियासत को दिशा देने में पूर्वाचल के मतदाताओं की बड़ी भूमिका हो गई है। इसी प्रकार उत्तराखंड के मतदाता भी राजधानी के कई विधानसभा क्षेत्रों में जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में हैं।जल्द होगी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक : प्रत्याशियों की दूसरी सूची को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होने वाली है। 46 सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान होना बाकी है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्रियों प्रो. किरण वालिया, रमाकांत गोस्वामी, डॉ. योगानंद शास्त्री सहित कई बड़े चेहरों को लेकर पार्टी को अपना फैसला करना है। पूर्व मुख्यमंत्री दीक्षित की नई दिल्ली सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा होनी अभी बाकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भले ही बड़े नामों पर कैंची चल जाए लेकिन पार्टी जीत के लिए चेहरे बदलने से गुरेज नहीं करेगी।पढ़ें : दिल्ली में विधानसभा चुनाव का एलान जल्द, पार्टियों ने कसी कमर पढ़ें : दिल्ली : भाजपा के चुनाव प्रचार में उतरे ऑटो चालक