मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लिया है। पार्टी की छाया कैबिनेट समितियों ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले, पंजाब के नेत्र शिविर में आंखों की रोशनी जाने, विनिवेश, आइआइटी में शिक्षकों की कमी और दूसरे
By manoj yadavEdited By: Updated: Sun, 07 Dec 2014 07:19 PM (IST)
नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा लिया है। पार्टी की छाया कैबिनेट समितियों ने जम्मू-कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले, पंजाब के नेत्र शिविर में आंखों की रोशनी जाने, विनिवेश, आइआइटी में शिक्षकों की कमी और दूसरे मुद्दों को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने ट्विटर पर अलग-अलग हैशटैग का इस्तेमाल कर एक खबर के शीर्षक 'विकास के प्रयास में पर्यावरण नियमों को ताक पर रख रहे मोदी। विकास किस कीमत पर?' के जरिये भी मोदी सरकार की नीतियों को निशाने पर लिया।
कांग्रेस का मानना है कि सोशल मीडिया पर मोदी का आक्रामक अभियान भी लोकसभा चुनाव में उसकी अभूतपूर्व हार का एक प्रमुख कारण था।
प्रभावशाली विपक्ष बनने की अपनी कोशिश के तहत कांग्रेस ने मीडिया में आ रही खबरों के हवाले से सरकार के कामकाज के तरीकों में खामियों को उजागर करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने ट्विटर पर कई खबरों के शीर्षकों को रि-ट्वीट किया है। इनमें 'पंजाब के नेत्र शिविर में आंखों की रोशनी जाने का कारण : एक डॉक्टर, 49 सर्जरी', 'उड़ी हमले में आठ सैन्यकर्मी मारे गए', 'आइआइटी के पास 37 फीसद शिक्षकों की कमी' आदि शामिल हैं।
सरकार के फैसलों पर नजर कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान और उसके बाद मोदी सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के फैसलों एवं नीतियों पर नजर रखने और सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए छाया कैबिनेट समितियों का गठन किया है। एके एंटनी, वीरप्पा मोइली, आनंद शर्मा, ऑस्कर फर्नाडिस समेत कई पूर्व मंत्री, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद इन समितियों के प्रमुख सदस्य हैं। इन समितियों का गठन ब्रिटिश संसद की तर्ज पर किया गया है, जहां विपक्षी दल मंत्री परिषद के हर सदस्य पर नजर रखने के लिए अपने एक-एक सांसद को नियुक्त करता है।