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अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम: डील में सोनिया थीं निर्णायक ताकत- बिचौलिया

बिचौलिये ने दावा किया है कि उसने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे में फैसले के लिए 'असली ताकत (ड्राइविंग फोर्स)' बताया था।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 13 May 2016 07:27 AM (IST)
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नई दिल्ली। वीवीआईपी चॉपर डील मामले में एक बिचौलिये ने नया खुलासा कर सबको चौंका दिया है। एनडीटीवी में प्रकाशित एक खबर में बिचौलिये ने दावा किया है कि साल 2008 में एक पत्र में उसने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को शीर्ष राजनेताओं के उपयोग हेतु नए हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे में फैसले के लिए 'असली ताकत (ड्राइविंग फोर्स)' बताया था। तब भारत में कांग्रेस शासन था। खबर में यह भी बताया गया है कि अगस्ता मामले में भारत इस बिचौलिये से पूछताछ करना चाहता है।

वहीं इस डील में बिचौलिये की अहम भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह कभी भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी से नहीं मिला। वहीं सीबीआई ने कहा है कि वह बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को भारत में चल रही सीबीआई जांच में शामिल होना चाहिए।

इंडिया टुडे टीवी चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में मिशेल ने कहा, "मैं इन लोगों से कभी नहीं मिला। कांग्रेस ने कभी भी अगस्ता डील में दखल नहीं दिया। मैंने नेताओं से मिलना जरूरी नहीं समझा।" मिशेल ने रिश्वत देने के लिए गौतम खेतान को इस स्कैम का मास्टरमाइंड बताया। उसने कहा, "इस स्कैंडल के पीछे गौतम खेतान का दिमाग था। वह पैसे के लेन-देन के लिए जिम्मेदार था और वह हर बात से वाकिफ था।"
मिशेल ने स्वीकार किया कि उसे अगस्ता वेस्टलैंड से पैसे मिले थे लेकिन कंपनी से उसका कांट्रेक्ट 2007 तक था। डील में अपनी भूमिका के बारे में मिशेल ने कहा कि उसने करीब 6.25 मिलियन यूरो मीडिया और अन्य चीजों को मैनेज करने पर खर्च किए थे। मिशेल ने कहा कि एनडीए सरकार ने वीवीआईपी चॉपर डील में कोई दखल नहीं दिया था। मिशेल के अनुसार, "नेताओं ने अपना काम किया लेकिन यह कहना कि इस डील में अटल बिहारी बाजपेयी, मनमोहन सिंह या एके एंटनी शामिल थे, बिल्कुल बकवास है। कोई भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा।"

सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप सही, लेकिन दस्तावेजों में गलत जानकारी
इस ब्रिटिश नागरिक ने कहा कि भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी इस डील के बारे में कुछ भी झूठ नहीं बोल रहे हैं लेकिन उनके पास जो भी तथ्य हैं उससे लगता है कि उनको गलत जानकारी दी गई है। मिशेल ने कहा "वह (स्वामी) सीएजी की रिपोर्ट को आधार बना रहे हैं। सीएजी रिपोर्ट बहुत जल्दबाजी में तैयार की गई। सीएजी कोई विशेषज्ञ नहीं है वह अधिकारियों से सभी दस्तावेजों को इकट्ठा करने को कहती है। इसलिए स्वामी खुद ही अपने दस्तावेजों से दिगभ्रमित हो रहे हैं।"

मिला था पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी से
पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी से उसके संबंधों के बारे में पूछे जाने पर मिशेल ने रिश्वतकांड का आरोप अन्य दो यूरोपीय बिचौलिए- गुइडो हश्के, और कार्लो गैरोसा पर डालने की कोशिश की। मिशेल ने कहा, "मेरी त्यागी से मुलाकात दिल्ली के जिमखाना क्लब में हुई थी लेकिन वहां हैश्के की मौजूदगी से मैंने उन्हें नजरदांज कर दिया।"

इंटरव्यू के दौरान मिशेल ने कहा, "त्यागी से मेरी मुलाकात उनके चचेरे भाई संजीव उर्फ जुली त्यागी ने करवाई थी जिसने कांट्रेक्ट और रिश्वत के मामले में अहम किरदार अदा किया था। जूली त्यागी एक प्रमुख उद्योगपति था। मुझे लगता है कि त्यागी को गुइडो हश्के ने डील पाने के लिए एक औजार के तौर पर इस्तेमाल किया। ऐसा नहीं लगता कि त्यागी का कोई अहम रोल था।"

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