भागवत के 'हिंदुस्तान में सभी हिंदू' बयान पर घमासान जारी
लोकसभा चुनाव में जीत के लिए नेता नहीं बल्कि जनता को श्रेय दे रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भले ही चुप्पी हो, हिंदुस्तान के सभी निवासियों को हिंदू बताए जाने पर बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस समेत विभिन्न दलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सलाह दी कि भागवत संविधान की भावना से छेड़छाड़ न करें। भागवत से पहले गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा के बयान को लेकर बखेड़ा खड़ा हो चुका है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में जीत के लिए नेता नहीं बल्कि जनता को श्रेय दे रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भले ही चुप्पी हो, हिंदुस्तान के सभी निवासियों को हिंदू बताए जाने पर बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस समेत विभिन्न दलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए सलाह दी कि भागवत संविधान की भावना से छेड़छाड़ न करें। भागवत से पहले गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा के बयान को लेकर बखेड़ा खड़ा हो चुका है। पिछले दिनों डिसूजा ने कहा था कि भारत तो पहले से ही ¨हदू राष्ट्र है और ¨हदुस्तान के सभी भारतीय नागरिक ¨हदू हैं।
भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने भारत की संस्कृति का उल्लेख करते हुए कहा था कि 'अगर अमेरिका में रहने वाले सभी लोग अमेरिकन और जर्मनी में रहने वाले जर्मन होते हैं तो हिंदुस्तान के सभी निवासी हिंदू के रूप में क्यों नहीं जाने जा सकते हैं?' भाजपा के विनय कटियार हालांकि इसे आपत्तिजनक नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी धर्म में हस्तक्षेप की बात नहीं कर रहे थे। सिर्फ देश की सांस्कृतिक पहचान की बात कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस के मनीष तिवारी, माकपा के सीताराम येचुरी व जदयू के शरद यादव ने एतराज जताते हुए कहा कि संविधान में कहीं भी हिंदुस्तान का जिक्र नहीं है।