कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री का पलटवार, 'नाव में छेद हो तो नाव का डूबना तय'
अरुणाचल अौर उत्तराखंड मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से असंतुष्ट कांग्रेसी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया।
नई दिल्ली(जेएनएन)। अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेसी सरकारों को अस्थिर करने के कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके लिए खुद कांग्रेस पार्टी ही जिम्मेदार है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों पर गृहमंत्री ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि छेद वाली नाव को पानी में उतारा जाए तो उसका डूबना तय है। गृहमंत्री की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में सदन से वाकआउट कर दिया।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान स्पीकर ने खड़गे को अरुणाचल प्रदेश के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के परिप्रेक्ष्य में मामला उठाने की इजाजत दी। खड़गे ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजग सरकार देश में कांग्रेस की सरकारों को अस्थिर करने का काम कर रही है। लेकिन पहले उत्तराखंड की सरकार और अब अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पुनस्र्थापित करने से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार जानबूझकर इन राज्यों की सरकारों को गिराने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की 125 जयंती मना रही है तो दूसरी तरफ वो लोकतंत्र की हत्या कर रही है। कांग्रेसी सांसदों ने इस पर सदन में नारेबाजी भी की। खड़गे ने कहा कि राजग सरकार कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के लिए कोई भी रास्ता अपनाने को तैयार है।यह आरोप लगाने के बाद कांग्रेसी सांसदों ने गृहमंत्री से जवाब देने की मांग की।
इस पर राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि राज्यों में चल रही सरकारों को अस्थिर करने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। सिंह ने कहा कि आजाद भारत में कांग्रेस ने 105 बार लोकप्रिय सरकारों को अस्थिर किया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि दोनों राज्यों में जो संकट पैदा हुआ वह कांग्रेस का आंतरिक संकट है।
उन्होंने कहावत इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया 'इनकी नाव में यदि छेद है तो नाव का पानी में डूबना तय है। इसके लिए पानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।'गृहमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेसी सांसदों ने काफी शोरशराबा किया। इस दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी सदन में मौजूद थे। कांग्रेस ने राजनाथ सिंह के बयान को अस्वीकार करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।-
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गौरतलब है कि पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी हंगामा जारी है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई थी कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सभी पार्टियां कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी ताकि देश को नई दिशा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किये जा सकें। इस सत्र में जीएसटी समेत कई अहम बिल पास करवाने हैं।
पीएम मोदी ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि सदन में उच्च स्तर की चर्चा होगी। प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा था कि पिछले कुछ दिनों में सभी दलों के साथ चर्चा के आधार पर मिजाज अच्छे निर्णय करने का है ताकि देश को तेज गति से विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सके।
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