स्नूपगेट मामला: न्यायपालिका को प्रभावित करना चाहती थी यूपीए सरकार
भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दूबे ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनसे पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले स्नूपगेट मामले में यूपीए सरकार की तरफ से न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी। इस बात का सनसनीखेज खुलासा करते हुए भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दूबे ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनसे पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिखे पत्र में निशिकांत दूबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने से सिर्फ तेरह दिन पहले ही तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश से जल्द से जल्द सिटिंग जज का नाम बताने को कहा था जो इस जांच की अध्यक्षता कर सके।
#UPA govt tried to "influence" judiciary in #Snoopgate probe, allegedly involving #AmitShah, ahead of 2014 poll results: BJP MP.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 26, 2017
निशिकांत दूबे ने अारोप लगाया है कि कई राज्यों में दिसंबर 2013 में जासूसी के जो मामले सामने अाए थे उसमें भी यूपीए सरकार की साजिश नजर अा रही है। इस मामले में कमिशन ऑफ इन्क्वायरी गठित करने के लिए यूपीए कैबिनेट के फैसले के पीछे भी सुशील कुमार शिंदे का ही हाथ है। इस मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का हाथ होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
BJP #MPNishikantDubey writes to PM, says then HM #SKShinde had asked Delhi HC CJ to name judge as early as possible for #Snoopgate probe.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 26, 2017
उन्होंने कहा कि शिंदे ने 3 मई 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी को पत्र लिखा था। दूबे ने कहा, “यह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बाकी कैबिनेट की तरफ से माहौल की बिगाड़ने का षड्यंत्र था।”
यह भी पढ़ें: गुजरात जासूसी कांड की जांच के लिए गठित आयोग अमान्य
उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा चुनाव परिणाम आने से महज तेरह दिन पहले कमिशन ऑफ इन्क्वायरी गठित करना जिसके ऊपर कैबिनेट ने बहुत पहले ही फैसला ले लिया था।” दूबे उस स्नूपगेट जांच का हवाला दे रहे थे जिसमें गुजरात सरकार के ऊपर जासूसी कराने का आरोप लगाया गया था और उस समय राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे और अमित शाह राज्य के मंत्री थे। हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था।
दूबे ने प्रधानमंत्री को लिखते हुए कहा, मैं इस बात के लिए निवेदन करना चाहता हूं कि इस पूरे मामले के कई पहलुओं और कांग्रेस नेतृत्व की भूमिका की सीबीआई जांच करायी जाए। उन्होंने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए वह चिट्ठी भी दी है जिसे सुशील कुमार शिंदे की तरफ से जस्टिस जी. रोहिणी को भेजी गई थी।
यह भी पढ़ें: मोदी के खिलाफ जासूसी कांड की जांच पर संप्रग में फूट