पाक का पाखंडः नार्थ कोरिया को बेच रहा परमाणु सामाग्री, भारत का कर रहा विरोध
न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि पाक अभी भी उत्तर कोरिया को परमाणु सामाग्री बेच रहा है। जबकि खुद एनसीजी सदस्यता को लेकर जुटा हुआ है।
नई दिल्ली। एनसीजी में भारत की सदस्यता पर विरोध कर रहे पाकिस्तान को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि पाकिस्तान अभी भी उत्तर कोरिया को परमाणु साम्रगी बेच रहा है। जबकि बावजूद इसके वह खुद भी एनसीजी सदस्यता को लेकर पुरजोर कोशिश में जुटा हुआ है। यही नहीं, भारत का विरोध करने के लिए उसे चीन का भी समर्थन मिला है।
अमेरिकी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने लिखा है कि पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए उत्तर कोरिया को अभी भी प्रतिबंधित वस्तुओं की आपूर्ति कर रहा है। यही नहीं, उत्तर कोरिया को जो परमाणु सामग्री सप्लाई की जा रही है उसमें वह सामग्री भी शामिल है जो चीन की संस्थाओं ने पाकिस्तान एटॉमिक इनर्जी कमिशन(पीएईसी) को दी है।
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तीन साल में आठ बार पाकिस्तान गए नॉर्थ कोरिया के अधिकारी
हालांकि, चीन ने इन आरोपों को यह कहते हुए दरकिनार किया है कि एनएसजी की सदस्यता को लेकर पाकिस्तान का समर्थन करने की वजह से ऐसी बातें सामने आ रही हैं। अमेरिकी सूत्रों का दावा है कि तेहरान में उत्तर कोरिया के दो डिप्लोमैट्स किम योंग चोई और जैंग योंग सन ने 2012 से 2015 के बीच 8 बार पाकिस्तान का दौरा किया था।बताया जाता है कि अपने दौरे पर उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने परमाणु कार्यक्रम से जुड़े पाकिस्तानी अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। इन अधिकारियों को उस वक्त पश्चिमी अधिकारियों ने ट्रैक किया था।
बता दें कि बुधवार को ही पाकिस्तानी संसद में नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने दंभ भरे अंदाज में बयान दिया है कि एनएसजी की सदस्यता हासिल करने के भारत के प्रयास को पाकिस्तान ने नाकाम कर दिया।
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भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर सोल के लिए रवाना
विदेश सचिव एस. जयशंकर गुरुवार से शुरू हो रही एनएसजी की पूर्ण बैठक से पहले भारत के सदस्यता प्रयासों को मजबूत करने के लिए सोल रवाना हो गए है। भारत जहां सदस्यता पाने की उम्मीद कर रहा है, वहीं चीन और कुछ अन्य देश इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। हालांकि इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह भारत की सदस्यता के मुद्दे पर चर्चा में रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
चीनी विदेश मंत्रालय का प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, 'एनएसजी सदस्यों ने समूह में भारत और पाकिस्तान की सदस्यता पर तीन दौर की अनाधिकारिक चर्चा की गई है। एनएसजी में भारत की सदस्यता के मुद्दे पर चर्चा में चीन रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
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एक सदस्य ने भी किया विरोध तो नहीं मिलेगी सदस्यता
सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और निरस्त्रीकरण व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के प्रभारी अमनदीप सिंह गिल समर्थन जुटाने और भारत के मामले की व्याख्या करने के लिए पहले से ही सोल में हैं। भारत जैसे गैर एनपीटी देशों के प्रवेश पर सदस्यों के बंटे होने के साथ चीन एनएसजी सदस्यता के भारत के प्रयासों में लगातार रोड़ा अटका रहा है। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और यदि कोई एक देश भी भारत के खिलाफ मतदान करता है तो सदस्यता पाने का उसका प्रयास विफल हो जाएगा।
हालांकि, समूह के अधिकतर देशों ने भारत का समर्थन किया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि चीन के साथ ही तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और न्यूजीलैंड एनएसजी में भारत के प्रवेश के पक्ष में नहीं हैं।
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