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संत गुरमीत की फिल्म 'मैसेंजर ऑफ गॉड' पर विवाद

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम की फिल्म 'मैसेंजर ऑफ गॉड(एमएसजी) पर ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन व अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सरकार से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

By Sudhir JhaEdited By: Updated: Mon, 22 Dec 2014 09:27 AM (IST)
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अमृतसर, जागरण संवाददाता। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम की फिल्म 'मैसेंजर ऑफ गॉड(एमएसजी) पर ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन व अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सरकार से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं, फिल्म पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का कहना है कि इस पर प्रतिबंध लगाना सेंसर बोर्ड का काम है। सेंसर ने फिल्म जारी करने से पहले उसे देखा होगा।


ज्ञानी गुरबचन सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कई आपराधिक मामलों में वांछित डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम द्वारा बनाई गई फिल्म लोगों को गुमराह करने वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार दोगली नीति छोड़कर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाए। जत्थेदार ने कहा कि यह फिल्म पंजाब की शांति के लिए खतरा हो सकती है। बता दें, फिल्म 16 जनवरी को देशभर में रिलीज होगी।


पहले फिल्म देखें, फिर बताएं कमियां : डेरा प्रवक्ता

सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फिल्म एमएसजी (दि मैसेंजर ऑफ द गॉड) के विरोध पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा है कि पहले फिल्म देखें और फिर नुक्ताचीनी करें।

डेरा प्रवक्ता डॉ. पवन इंसा ने कहा कि फिल्म को बिना देखे विरोध की बात वे लोग करते हैं, जो नहीं चाहते हैं कि पंजाब से नशे की बुराई मिटे और युवा वर्ग आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि यह फिल्म समाज को जोडऩे और देशभक्ति की भावना पैदा करने वाली है। फिल्म में किसी प्रकार की आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग नहीं है फिर भी कुछ लोग इसके विरोध में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का पैसा थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों और एचआईवी पॉजिटिव लोगों की रिसर्च पर खर्च होगा और आदर्श कार्य के लिए ही फिल्म का निर्माण किया गया है।


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