मोदी के न्योते पर उलझन में शरीफ
प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने से पहले नरेंद्र मोदी की ओर से आए न्योते के कूटनीतिक दांव ने पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए मोदी की ओर से गए निमंत्रण पर दक्षिण एशिया के आठ में सात मुल्कों के शासनाध्यक्षों ने शिरकत की हामी दे दी है, जबकि पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भारत आने पर अभी स्थिति साफ नहीं की है। संकेत हैं कि मोदी के निमंत्रण पर मंथन कर रहे शरीफ इसे कुबूल कर खुद आने के बजाय किसी नुमाइंदे को भी भेज सकते हैं। अमेरिका ने भारत की ओर से पाकिस्तान को भेजे न्योते को अच्छी पहल करार दिया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने से पहले नरेंद्र मोदी की ओर से आए न्योते के कूटनीतिक दांव ने पाकिस्तान को मुश्किल में डाल दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए मोदी की ओर से गए निमंत्रण पर दक्षिण एशिया के आठ में सात मुल्कों के शासनाध्यक्षों ने शिरकत की हामी दे दी है, जबकि पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भारत आने पर अभी स्थिति साफ नहीं की है। संकेत हैं कि मोदी के निमंत्रण पर मंथन कर रहे शरीफ इसे कुबूल कर खुद आने के बजाय किसी नुमाइंदे को भी भेज सकते हैं। अमेरिका ने भारत की ओर से पाकिस्तान को भेजे न्योते को अच्छी पहल करार दिया है।
सत्ता की पारी शुरू करने से पहले ही मोदी के कूटनीतिक दांव पर पाकिस्तान की ऊहापोह बृहस्पतिवार को खुलकर सामने आ गई। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के प्रवक्ता सिद्दीकी उल फारूक ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ निमंत्रण को स्वीकार कर सकते हैं। हालांकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा, 'नवाज शरीफ अपने स्थान पर किसी को भेजने के लिए अधिकृत कर सकते हैं। इससे प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी नहीं होगा।' पाक कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक इस बारे में इस्लामाबाद शुक्रवार तक अपना फैसला स्पष्ट करेगा। इस बीच माना जा रहा है कि सियासी समीकरणों को तौल रहे शरीफ भारत में बनने जा रही मोदी सरकार के साथ संबंधों की नई पहल को लेकर उत्सुक हैं। शरीफ भारत आने का न्योता स्वीकार सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान में मौजूद कंट्टरपंथी तत्वों का दबाव उनकी इच्छा का रास्ता रोक सकता है।