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मोदी के 'देवालय से पहले शौचालय' बयान पर घमासान

देश भर से जुटे छात्रों और युवाओं के बीच 'देवालय से पहले शौचालय' बनाने की बात कहकर भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विकास को मुद्दा बनाने की कोशिश भले ही की हो, लेकिन बयान विवादों में घिर गया है। खासकर संघ परिवार के पुराने आचरण ने असहज स्थिति पैदा कर दी है। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के ऐसे ही बयान पर भारतीय संस्कृति और हिंदू आस्थाओं का सवाल उठाकर आसमान सिर पर उठाने वाले संघ परिवार से अब कांग्रेस ने उनके प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बयान पर सवाल पूछा

By Edited By: Updated: Fri, 04 Oct 2013 10:33 AM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश भर से जुटे छात्रों और युवाओं के बीच 'देवालय से पहले शौचालय' बनाने की बात कहकर भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने विकास को मुद्दा बनाने की कोशिश भले ही की हो, लेकिन बयान विवादों में घिर गया है। खासकर संघ परिवार के पुराने आचरण ने असहज स्थिति पैदा कर दी है। केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के ऐसे ही बयान पर भारतीय संस्कृति और हिंदू आस्थाओं का सवाल उठाकर आसमान सिर पर उठाने वाले संघ परिवार से अब कांग्रेस ने उनके प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बयान पर सवाल पूछा है। साथ ही मोदी के बयान को अयोध्या से भी जोड़ दिया है। वहीं, विहिप ने बयान को हिंदू समाज का अपमान करार दिया है।

ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मौका मिलते ही पलटवार किया और पूछा कि पिछले साल उन्होंने भी यही सच कहा था तो संघ परिवार ने बहुत हल्ला मचाया था। अब चुप क्यों हैं? जयराम ने मोदी से पूछा है कि क्या वह बसपा नेता कांसीराम के उस बयान का समर्थन करेंगे, जिसमें उन्होंने अयोध्या विवाद के समाधान के लिए वहां महाशौचालय बनाने का प्रस्ताव रखा था। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने तल्ख अंदाज में कहा कि प्रधानमंत्री पद की चाहत में मोदी कुछ भी बोल सकते हैं। जयराम ने याद दिलाया कि उनके बयान (मंदिर से ज्यादा पवित्र शौचालय) पर भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर और राजीव प्रताप रूड़ी ने धर्म व विश्वास की दुहाई देते हुए हायतौबा मचा रखी थी। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर प्रदर्शन भी किया था। दूसरे दिन आगरा जाने पर वहां भी इन्हीं संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध में काला झंडा दिखाया और पुतले फूंके। संसद में भी भाजपा सांसदों ने आलोचना की, लेकिन अब मोदी के इसी बयान पर दोहरे चरित्र वाली भाजपा चुप है। हालांकि जयराम को उस समय कांग्रेस ने भी बयान देते समय सतर्कता बरतने की नसीहत दी थी।

कांग्रेसी नेता ने कहा कि मोदी को यह ज्ञान देर से प्राप्त हुआ। अगर उन्हें यही ज्ञान 22 साल पहले मिल गया होता तो दंगा फसाद और राजनीति सांप्रदायिक नहीं होती। मोदी ने दावा किया है कि गुजरात के 82 फीसद ग्रामीण परिवारों में शौचालय बना दिए गए हैं, लेकिन 2011 की जनगणना के आंकड़े इसे झूठा साबित करते हैं, जिसके मुताबिक वहां के सिर्फ 34 फीसद ग्रामीण परिवारों में ही शौचालय हैं। चुटकी लेने के अंदाज में जयराम ने कहा कि कुछ ऐसा ही है मोदी का गुजरात मॉडल। विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि हम भी बेहतर साफ-सफाई सुविधाओं में भरोसा करते हैं, लेकिन मंदिर को इसमें घसीटना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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'मुझे खुशी है कि आखिरकार गुजरात के मुख्यमंत्री को ज्ञान की प्राप्ति हो ही गई और उन्होंने शौचालय की अहमियत को पहचान लिया। चाहे उन्हें यह ज्ञान प्रधानमंत्री पद की चाहत में ही क्यों न प्राप्त हुआ हो।' -जयराम रमेश, ग्रामीण विकास मंत्री

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'मोदी ने बेहच्तर स्वच्छता सुविधाओं पर दिए बयान में मंदिर का अनावश्यक इस्तेमाल किया। हम सकते में हैं। यह हिंदू समाज का अपमान है। उम्मीद है कि भाजपा अपने पीएम प्रत्याशी के बयान का खंडन करेगी।' -प्रवीण तोगड़िया, विहिप नेता

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