मोदी की जाति पर बढ़ी रार
चुनाव के अंतिम चरण के ठीक पहले नरेंद्र मोदी के पिछड़ी जाति के होने को लेकर राजनीतिक रार चरम की ओर बढ़ रही है। भाजपा ने मोदी की जाति मोध घांची को कांग्रेस के शासन में पिछड़ी जाति (ओबीसी) में शामिल करने का दावा किया है, जबकि कांग्रेस मोदी को 'फर्जी' पिछड़ा बताने के अपने दावे पर कायम है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। चुनाव के अंतिम चरण के ठीक पहले नरेंद्र मोदी के पिछड़ी जाति के होने को लेकर राजनीतिक रार चरम की ओर बढ़ रही है। भाजपा ने मोदी की जाति मोध घांची को कांग्रेस के शासन में पिछड़ी जाति (ओबीसी) में शामिल करने का दावा किया है, जबकि कांग्रेस मोदी को 'फर्जी' पिछड़ा बताने के अपने दावे पर कायम है। भाजपा ने इसे कांग्रेस की मुद्दे के अभाव में मोदी का सामना नहीं कर पाने की हताशा बताया है। वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली के अनुसार असली मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस जानबूझकर मोदी की जाति पर विवाद खड़ा कर रही है।
गुजरात के मुख्यमंत्री बनते समय नरेंद्र मोदी के अगड़ी जाति का होने और उसके बाद उनकी जाति को पिछड़ी जाति में शामिल किए जाने के कांग्रेस के आरोप पर भाजपा ने तीखा पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के अनुसार गुजरात सरकार ने मोदी की जाति को 25 जुलाई, 1994 को पिछड़ी जाति की सूची में शामिल किया था। उस समय कांग्रेस के छबीलदास मेहता मुख्यमंत्री थे। इसके बाद 4 अप्रैल, 2000 को भारत सरकार ने 146 जातियों को पिछड़ी जाति की सूची में शामिल किया, जिसमें मोध घांची भी शामिल था। त्रिवेदी के अनुसार उस समय मोदी न तो विधायक थे और न ही मुख्यमंत्री। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि हताशा में कांग्रेस जाति की राजनीति करने वाली मायावती के उठाए मुद्दे को हवा दे रही है।