नशे पर भारी महंगाई का 'नशा'
By Edited By: Updated: Fri, 11 Oct 2013 10:32 AM (IST)
ताराचन्द्र गुप्त, इलाहाबाद। हुई बहुत ही महंगी शराब, थोड़ी-थोड़ी पीया करो..। लेकिन बहुतेरे मदिरा प्रेमियों की जेब अब थोड़ा पीने की भी इजाजत नहीं दे रही है, लिहाजा धीरे धीरे अब मय से दूरी बना रहे हैं। आबकारी विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।
पढ़ें : हाईवे से हटेंगे शराब के ठेके हाल में हुई विभागीय समीक्षा में निकल कर आए तथ्य बताते हैं कि अब तकसाल दर साल मांग के नए कीर्तिमान बना रहे अल्कोहल के 'सेंसेक्स' ने इस बार गोता लगा दिया है। कई जिले ऐसे हैं जहां बीते साल की तुलना में देसी, विदेशी मदिरा और बीयर की मांग घटी है। पढ़ें : शिक्षा से छूटी यारी, बच्चेच्बेच रहे ताड़ी
अधिकारियों का मानना है कि मांग में आई इस कमी के पीछे सबसे बड़ी वजह महंगाई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से लेकर अगस्त 2013 तक मैनपुरी जिले में देसी, विदेशी मदिरा व शामली जिले में बीयर की बिक्री में सबसे च्यच्दा कमी आई है। पहली तिमाही में ही शराब की खपत कम होना विभाग के लिए चिंता का विषय है। हालांकि, कई जिलों ने कुछ राहत भी दी है। यहां शराब की विभिन्न श्रेणियों में वृद्धि दर्ज की गई है। रायबरेली में देसी, महोबा में विदेशी और इटावा में बीयर की खपत निर्धारित लक्ष्य से च्यच्दा हुई है। पढ़ें : शराब के सुरूर में भक्ति का नशा
प्रतापगढ़ में बीयर बेहद पसंद की जा रही है। बढ़ोतरी वाले टॉप टेन जिले में शामिल प्रतापगढ़ के अलावा पड़ोसी जिले कौशाम्बी के लोगों को अंग्रेजी शराब भा रही है। इलाहाबाद और फतेहपुर की स्थिति भी संतोषजनक है।
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