मोदी से महिला आरक्षण बिल लाने की मांग
16वीं लोकसभा में केरल से एक मात्र महिला सांसद चुनी गईं माकपा नेता पी.के.श्रीमथि ने भावी मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल को लाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए महिला आरक्षण बिल को लाने की पहल करनी चाहिए।
By Edited By: Updated: Thu, 22 May 2014 02:46 PM (IST)
तिरुअनंतपुरम। 16वीं लोकसभा में केरल से एक मात्र महिला सांसद चुनी गईं माकपा नेता पी.के.श्रीमथि ने भावी मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल को लाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए महिला आरक्षण बिल को लाने की पहल करनी चाहिए।
श्रीमथि केरल के कन्नौर से चुनाव जीत कर संसद पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा में भाजपा बहुमत में है। ऐसी स्थिति में लोकसभा से किसी बिल को पारित कराने में नई सरकार को कोई तकनीकि बाधा नहीं होनी चाहिए। इसलिए भावी सरकार को ठंडे बस्ते में पड़े इस बिल को पारित कराने की पहल करनी चाहिए। श्रीमथि ने कहा कि मैं ये जानना चाहती हूं कि क्या मोदी अपने किये वादे को निभाना चाहते हैं या फिर उनकी कथनी और करनी में अंतर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा चुनाव से पहले किये वादे को पूरा करने को लेकर माकपा और सभी वाम दल दबाव डालेंगी। ''एक महिला होने के नाते महिला आरक्षण बिल में मेरी खास रूचि है। इसलिए मैं ये देखना चाहती हूं कि क्या इस बिल को फिर से ठंडे बस्ते में डाला जाता है या फिर इसे जल्दी से जल्दी पास कराया जाता है।'' श्रीमथि ने इस चुनाव में कन्नौर संसदीय सीट से पूर्व कांग्रेसी सांसद एम.पी.के.सुधाकरन को मात दी है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की स्थिति सुधारना और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उनमें कुछ कमजोर कड़ियां हैं। नई सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कमजोर कड़ियों को भरते हुए एक मजबूत बिल लाने की पहल करनी चाहिए। माकपा नेता श्रीमथि 2006-11 के दौरान वी.एस. अच्युतानंदन की सरकार में स्वास्थ्य और समाज कल्याण का काम देख रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के मुद्दे पर मोदी सरकार के नजरिए को समझने में अभी कुछ वक्त लगेगा। इसलिए मोदी सरकार के बारे में अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। बस हमें इंतजार कर ये देखना चाहिए कि इस सरकार की नीतियां पिछले यूपीए सरकार की तरह हैं या फिर उससे अलग।