कांप जाती है रूह जब याद आते हैं ये विमान हादसे
फ्रांस के आल्पस पर्वत के समीप हादसे का शिकार हुए जर्मन विमान ने उन सभी पुराने विमान हादसों के जख्मों को कुरेद दिया है जिसे याद कर आज भी रूह कांप जाती है।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Tue, 24 Mar 2015 09:34 PM (IST)
नई दिल्ली। फ्रांस के आल्पस पर्वत के समीप हादसे का शिकार हुए जर्मन विमान ने उन सभी पुराने विमान हादसों के जख्मों को कुरेद दिया है जिसे याद कर आज भी रूह कांप जाती है। इस हादसे की खबर सुन उन परिवारों की आंखें एक बार फिर डबडबा गई हैं जिन्होंने अपने अजीजों को विमान हादसे में गंवा दिया। ऐसा कई बार हुआ है जब सैकड़ों की संख्या में निर्दोष लोग पलक झपकते विमान हादसे की आगोश में आकर याद बनकर रह गए। हम आपको ऐसे ही कुछ भयावह विमान हादसों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी यादें आज फिर ताजा हो गई हैं।
154 जिंदगियों के साथ एमएच 370 आज भी एक रहस्य एक साल से भी ज्यादा वक्त बीत चुका है एमएच 370 को लापता हुए.. इस विमान में सवार 154 लोगों के परिजन आज भी इस आस में हैं कि कोई करिश्मा हो जाए और लापता लोगों के बारे में कोई खबर मिल जाए। लेकिन इस गुत्थी का सुलझना अब असंभव सा हो गया है। विमान 8 मार्च 2014 को टेकअॉफ करने के तकरीबन पौन घंटे बाद ही गायब हो गया था। विमान के हिंद महासागर में समा जाने की खबरों ने तेजी पकड़ी थी। लेकिन विमान का मलबा आज भी नहीं मिल सका है। विमान के मलबे की खोज को इतिहास के कठिन कामों में गिना जाने लगा। तमाम कोशिशों के बाद भी इस कठिन काम को अंजाम न दे पाने के बाद संबंधित देश की सरकार ने विमान में सवार सभी लोगों को मृत घोषित कर दिया, लेकिन उनके शव आज भी विमान के साथ रहस्य बने हुए हैं।एयर एशिया विमान हादसाः कानों में गूंजती रही थी चीत्कार
बीते साल की तारीख 28 दिसंबर भी इतिहास के काले पन्नों में बड़े-बड़े अक्षरों में शुमार है। इस दिन एयर एशिया का विमान समुद्र में क्रैश हो गया था। इस हादसे में मारे गए सभी 162 लोगों ने अपनी मौत को आते देखा था। विमान पर नियंत्रण पाने की विमान के सह चालक की सारी कोशिशें बेकार गई थीं। इस हादसे के बारे में एक चीज जो आज भी सालती है वो है विमान के कैप्टन की लापरवाही। इसकी पुष्टि तो आज तक नहीं हो सकी लेकिन हादसे के बारे में कहा जाता है कि हादसे के वक्त विमान का कैप्टन अपनी सीट पर नहीं था और उस वक्त विमान को सह चालक चला रहा था। 162 लोगों के मरने की खबर से पूरे विश्व में मातम पसर गया था।400 मीटर की दूरी तय हो जाती तो बच जाते 92 लोग
वर्ष 1990 में वैलेंटाइन डे के दिन एयरबस A-320 में 139 पैसेंजर्स के साथ चालक दल के सात सदस्य सवार थे। विमान बेंगलुरू हवाई अड्डे पर लैंड ही करने वाला था। गलती कह लीजिए या काल का संयोग.. किन्हीं कारणों से चालक ने विमान रनवे से 400 मीटर दूरी पहले की जमीन पर उतार दिया।139 पैसेंजर्स में से 88 और चालक दल के सात सदस्य में चार की मौत हो गई।लैडिंग का तीसरा अटेंप्ट और समुद्र में समा गई 135 जिंगदी वर्ष 2000 में 23 अगस्त को बहरीन की एक फ्लाइट भयानक हादसे का शिकार हुई थी। विमान चालक विमान को दो बार एयरपोर्ट पर लैंड करने की कोशिश कर चुका था। विमान बहरीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए तीसरा अटेंप्ट ले रहा था, लेकिन एयरपोर्ट से 4.8 किमी दूर समुद्र में क्रैश कर गया। इस हादसे में 135 पैसेंजर्स सहित सभी आठ क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी।विमान हादसों के इतिहास की काली तारीख28 दिसंबर, 2014 : इंडोनेशिया का एक विमान सिंगापुर जाने के दौरान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त। 162 मौत।13 अप्रैल, 2013 : लायन एयर फ्लाइट 904, बोइंग 737 इंडोनेशिया के बाली में दुर्घटनाग्रस्त। 108 मौत।20 अप्रैल, 2012 : पाकिस्तान के रावलपिंडी में विमान दुर्घटनाग्रस्त। 127 मौत।जुलाई 28, 2010 : एयर ब्लू फ्लाइट 202, एयरबस ए321 खराब मौसम के चलते इस्लामाबाद में दुर्घटनाग्रस्त। 152 मौत।मई 22, 2010 : एयर इंडिया का विमान मंगलौर हवाई अड्डे पर फि सलने के चलते दुर्घटनाग्रस्त। 158 मौत।1 जून, 2009 : एयर फ्रांस फ्लाइट विमान पेरिस जाते वक्त अटलांटिक महासागर में गिरा। 228 मौत।पढ़ेंः बड़ा विमान हादसा, 148 लोगों की मौतपढ़ेंः अभी तक रहस्य बना हुआ लापता एमएच-370