बदरीनाथ में भी पड़ने लगे निवाले के लाले
देहरादून,जागरण संवाददाता। तीन हजार यात्री और पांच हजार ग्रामीण सभी आपदा में घिरे हैं, लेकिन ग्रामीणों की प्राथमिकता है कि पहले यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे, फिर खुद के बारे में सोचा जाएगा। पर, संकट यह है कि बदरीनाथ व पांडुकेश्वर में राशन धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। स्थानीय लोग बीज का अनाज तक पहले ही
देहरादून, जागरण संवाददाता। तीन हजार यात्री और पांच हजार ग्रामीण सभी आपदा में घिरे हैं, लेकिन ग्रामीणों की प्राथमिकता है कि पहले यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे, फिर खुद के बारे में सोचा जाएगा। पर, संकट यह है कि बदरीनाथ व पांडुकेश्वर में राशन धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। स्थानीय लोग बीज का अनाज तक पहले ही यात्रियों की सेवा-सुश्रुषा में झोंक चुके हैं। इसके बावजूद सरकार को तो जैसे इधर झांकने की फुर्सत ही नहीं। हफ्ताभर यही हाल रहा तो यहां निवाले के लाले पड़ जाएंगे।
आपदा में बदरीनाथ राजमार्ग का कई किलोमीटर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। नतीजा 17 जून से क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह कटा हुआ है। सेना व आइटीबीपी की मदद से अब तक हजारों यात्रियों को जैसे-तैसे बदरीनाथ धाम से बाहर निकाला जा चुका है, लेकिन अनुकूल स्थितियां न होने के कारण अब भी तीन हजार से अधिक लोग वहां फंसे हुए हैं। हालांकि, स्थानीय लोग उनके खाने-रहने का पूरा ख्याल रख रहे हैं, लेकिन कितने दिन तक..।