राजीव के हत्यारों को फांसी देना गलत
कोट्टयम। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाना संवैधानिक रूप से गलत होगा। यह चौंकाने वाला बयान किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हें फांसी की सजा सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के अध्यक्ष रहे जस्टिस केटी थॉमस ने दिया है। करीब 13 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस थॉमस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने नलिनी, मुरुगन, संतन और पेरारीवलन को फांसी की सजा सुनाई थी।
कोट्टयम। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाना संवैधानिक रूप से गलत होगा। यह चौंकाने वाला बयान किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हें फांसी की सजा सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के अध्यक्ष रहे जस्टिस केटी थॉमस ने दिया है। करीब 13 साल पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस थॉमस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने नलिनी, मुरुगन, संतन और पेरारीवलन को फांसी की सजा सुनाई थी।
जस्टिस थॉमस ने कहा कि सभी दोषी 22 साल जेल में बिता चुके हैं। ऐसे में उन्हें फांसी देना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा। इस मामले पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। तीनों के व्यवहार और चरित्र पर भी विचार करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते समय आरोपियों के व्यवहार और चरित्र पर विचार नहीं किया था। कई साल बाद जस्टिस एसबी सिन्हा की पीठ ने इन दोनों अहम तथ्यों की ओर ध्यान दिलाया। थॉमस ने कहा कि दोषियों की सजा को आजीवन कारावास में बदलने पर विचार भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह तीसरी तरह की सजा है। अगर उन्हें कल फांसी दी जाती है तो यह उन्हें एक गुनाह के लिए दो सजा देना होगा।