सुप्रिया का 'एकला चलो' को समर्थन, 'अकेले लड़ने में बुराई नहीं'
कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर महाभारत थम नहीं रहा है। एक-एक सीट के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही दोनों पार्टियां सामने वाले के झुकने के इंतजार में हैं। इस बीच दोनों पार्टियों ने एक बार फिर गठबंधन तोड़कर 'एकला चलो' की राह
नई दिल्ली। कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर महाभारत थम नहीं रहा है। एक-एक सीट के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही दोनों पार्टियां सामने वाले के झुकने के इंतजार में हैं। इस बीच दोनों पार्टियों ने एक बार फिर गठबंधन तोड़कर 'एकला चलो' की राह अख्तियार करने की धमकी दी है। इस पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। दोनों ही पार्टियां एक ही तरह की हैं। जिनका डीएनए भी एक जैसा है। अगर महाराष्ट्र की सभी चार प्रमुख पार्टियां अलग-अलग होकर चुनाव लड़ें तो यह विचार भी बुरा नहीं है। इससे राजनीतिक घरानों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को टिकट पाने में आसानी तो होगी, लेकिन साथ-साथ ही पार्टियों के गर्त में जाने की शुरुआत भी हो जाएगी। मैं भी गुटबाजी की शिकार हो चुकी हूं।
महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को कांग्रेस राकांपा के बीच चल रही बातचीत में दोनों दलों के अड़े रहने से गतिरोध आ गया है। हालांकि, पर्दे के पीछे से बातचीत जारी है। राकांपा की मांग है कि दोनों दल बराबर सीटों पर चुनाव लड़े। कांग्रेस ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह राकांपा को 125 से अधिक सीटें नहीं दे सकती। वहीं राकांपा ने कांग्रेस को कहा है कि गठबंधन बचाने के लिए इस बार उसे कुछ और आगे बढ़ना होगा। गौरतलब है कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में पिछली बार बंटवारे में राकांपा को 124 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने इस बार राकांपा को 125 सीटें देने की बात कही है। पार्टी ने कहा है कि राकांपा के रूख पर अड़े रहने की स्थिति में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन के लिए पार्टी एक सीमा से आगे राकांपा के दबाव में नहीं आएगी।