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चुनौतियों के बीच राजग ने बढ़ाया रक्षा बजट

आर्थिक मुश्किलों और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन साधने की कोशिश में महज डेढ़ माह पुरानी राजग सरकार ने रक्षा सेनाओं के आधुनिकीकरण और उनका मनोबल बढ़ाने का संदेश देते हुए रक्षा बजट में 12 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में चुनावों से पहले संप्रग राज में पेश अंतरिम बजट के मुकाबले भी अपने दूसरे मंत्रालय यानि रक्षा को पांच हजार करोड़ रुपये अधिक देने का एलान किया है।

By Edited By: Updated: Thu, 10 Jul 2014 07:51 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आर्थिक मुश्किलों और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन साधने की कोशिश में महज डेढ़ माह पुरानी राजग सरकार ने रक्षा सेनाओं के आधुनिकीकरण और उनका मनोबल बढ़ाने का संदेश देते हुए रक्षा बजट में 12 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में चुनावों से पहले संप्रग राज में पेश अंतरिम बजट के मुकाबले भी अपने दूसरे मंत्रालय यानि रक्षा को पांच हजार करोड़ रुपये अधिक देने का एलान किया है। साथ ही एक रैंक एक पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए एक हजार करोड़ रुपये का भी अतिरिक्त आवंटन किया है। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद चालू वित्त वर्ष में बड़े रक्षा खरीद सौदों की राह अब भी मुश्किल है।

वित्त मंत्री ने गुरुवार को पेश बजट में फरवरी में रखे गए अंतरिम बजट में रक्षा के लिए आवंटित धनराशि 2,24,000 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,29000 करोड़ करने का एलान किया। इसमें 134412 करोड़ राजस्व के मद में आवंटित किए गए हैं जबकि पूंजी मद में बढ़ोतरी के बाद 94588 करोड़ आवंटित किए गए हैं। हालांकि इस बढ़ोतरी के बावजूद मौजूदा बजट में काफी समय से लंबित 126 लड़ाकू विमान खरीद परियोजना के लिए कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं किया गया है। इसने मौजूदा वित्त वर्ष में भी इस योजना के पूरा होने की संभावनाएं धुंधला दी हैं। वायुसेना के लिए पूंजी मद में आवंटित 36035 करोड़ के बजट में विमानों व इंजन के लिए 16271 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सेना को नई खरीद परियोजनाओं के लिए पूंजी मद में 24977 व नौसेना को 8615 करोड़ ही मिल पाए हैं।

राजग ने पूर्व सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण एक रैंक, एक पेंशन परियोजना के लिए अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपये के आंवटन का एलान किया है। वैसे उल्लेखनीय है कि संप्रग सरकार ने ऐन चुनावों से पहले पेश बजट में इसकी घोषणा कर 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। हालांकि, अंतरिम बजट में एलान के बावजूद आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। दो दिन पहले राज्यसभा में इस मामले पर दिए जवाब में रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने कहा, एक रैंक, एक पेंशन को लेकर सभी संबंधित पक्षों से बात की जा रही है। क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर सरकार की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

महत्वपूर्ण है कि भारत का रक्षा बजट अब भी सकल घरेलू उत्पाद का दो फीसद भी नहीं पहुंच पाया है। भारत के पड़ोसी चीन और पाकिस्तान जैसे मुल्क तुलनात्मक तौर पर काफी बजट रक्षा मद में खर्च करते हैं। भारतीय रक्षा सेनाओं के तेज आधुनिकीकरण की जरूरतों के मद्देनजर बजट में बढ़ोतरी की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही है।

-विकास और सुरक्षा दोनों मोचरें पर एक साथ होगा काम

-थलसेना को हथियार साजो-सामान के लिए 24977 करोड़

वायुसेना को विमान-इंजन खरीदने को 36035 करोड़

वायुसेना के हिस्से में खरीद के लिए आये 8615 करोड़ रुपये

-लाल आतंक से मुकाबले को खोली जेटली ने खजाने की थैली

-पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 3000 करोड़ का इंतजाम

-रक्षा प्रौद्योगिकी विकास निधि के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था

-शहादत को सलाम, आजाद भारत का पहला वार मेमोरियल

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