चुनौतियों के बीच राजग ने बढ़ाया रक्षा बजट
आर्थिक मुश्किलों और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन साधने की कोशिश में महज डेढ़ माह पुरानी राजग सरकार ने रक्षा सेनाओं के आधुनिकीकरण और उनका मनोबल बढ़ाने का संदेश देते हुए रक्षा बजट में 12 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में चुनावों से पहले संप्रग राज में पेश अंतरिम बजट के मुकाबले भी अपने दूसरे मंत्रालय यानि रक्षा को पांच हजार करोड़ रुपये अधिक देने का एलान किया है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आर्थिक मुश्किलों और प्राथमिकताओं के बीच संतुलन साधने की कोशिश में महज डेढ़ माह पुरानी राजग सरकार ने रक्षा सेनाओं के आधुनिकीकरण और उनका मनोबल बढ़ाने का संदेश देते हुए रक्षा बजट में 12 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में चुनावों से पहले संप्रग राज में पेश अंतरिम बजट के मुकाबले भी अपने दूसरे मंत्रालय यानि रक्षा को पांच हजार करोड़ रुपये अधिक देने का एलान किया है। साथ ही एक रैंक एक पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए एक हजार करोड़ रुपये का भी अतिरिक्त आवंटन किया है। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद चालू वित्त वर्ष में बड़े रक्षा खरीद सौदों की राह अब भी मुश्किल है।
वित्त मंत्री ने गुरुवार को पेश बजट में फरवरी में रखे गए अंतरिम बजट में रक्षा के लिए आवंटित धनराशि 2,24,000 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,29000 करोड़ करने का एलान किया। इसमें 134412 करोड़ राजस्व के मद में आवंटित किए गए हैं जबकि पूंजी मद में बढ़ोतरी के बाद 94588 करोड़ आवंटित किए गए हैं। हालांकि इस बढ़ोतरी के बावजूद मौजूदा बजट में काफी समय से लंबित 126 लड़ाकू विमान खरीद परियोजना के लिए कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं किया गया है। इसने मौजूदा वित्त वर्ष में भी इस योजना के पूरा होने की संभावनाएं धुंधला दी हैं। वायुसेना के लिए पूंजी मद में आवंटित 36035 करोड़ के बजट में विमानों व इंजन के लिए 16271 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सेना को नई खरीद परियोजनाओं के लिए पूंजी मद में 24977 व नौसेना को 8615 करोड़ ही मिल पाए हैं।