तय हो अपराधी की परिभाषा
दैनिक जागरण के राष्ट्रव्यापी अभियान जन जागरण के तहत सोमवार को दिल्ली के आइटीओ कार्यालय में राजनीति में अपराधी और सामाजिक राजनीतिक विचार पर इसका असर विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस विषय पर विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति में अपराधियों की बात करने से पहले आम राय कायम होनी चाहिए कि असल में अपराधी कहा किसको ज
By Edited By: Updated: Tue, 25 Mar 2014 12:05 PM (IST)
दैनिक जागरण के राष्ट्रव्यापी अभियान जन जागरण के तहत सोमवार को दिल्ली के आइटीओ कार्यालय में राजनीति में अपराधी और सामाजिक राजनीतिक विचार पर इसका असर विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस विषय पर विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति में अपराधियों की बात करने से पहले आम राय कायम होनी चाहिए कि असल में अपराधी कहा किसको जाए। क्योंकि राजनीति करने वालों पर धरना-प्रदर्शन करने पर भी मुकदमे दर्ज हो जाते हैं।
सुभाष चंद्र अग्रवाल, आरटीआइ कार्यकर्ता - राजनीति में अपराधीकरण की शुरुआत तभी हो गई जब पैसे की प्रधानता हो गई। - सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। फिर भी किसी न किसी रास्ते अपराधी राजनीति में घुसते गए।
- मैं सहमत हूं कि अपराधीकरण को गठबंधन की राजनीति भी कहीं न कहीं शह दे रही है। - अपराधियों को बढ़ावा देने वाले सरकारी बिलों को फाड़ देना काफी नहीं, कार्रवाई जरूरी है।
- इस बात से सहमति व्यक्त की जा सकती है कि अपराधियों की परिभाषा तय की जानी चाहिए। राजनीति में अपराधियों की मौजूदगी हमारे सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर रही है। - नेता आपराधिक गतिविधि में लिप्त मिलता है तो उसे महज चेतावनी देकर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। - कानून के लचीलेपन का फायदा भी अपराधी तत्वों को मिलता है। मामले लटके रहते हैं। - इस मामले में बड़ी पहल चुनाव आयोग की तरफ से हुई है। उसकी सख्ती का असर दिख रहा है। - जरूरत इस बात की है कि राजनीतिक दल चुनाव आयोग की सख्ती का कड़ाई से पालन करें। मुकेश शर्मा, मुख्य प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस राजनीति में अपराधियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। - इस मामले में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अपराधियों की परिभाषा तय होनी चाहिए। - राजनीति करने वालों पर प्रदर्शन करने, सहित कई मामलों में मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं। - कानून में निश्चितता हो। पहले हम कानून बनाते हैं और पांच साल बाद पुनर्विचार करते हैं। - अपराधियों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर तय किया जाना चाहिए कि किसे अपराधी माना जाएगा। गंभीर अपराध करने वाले व छोटे-मोटे मामलों वाले, सबको अपराधी कह दिया जाता है। - गठबंधन की राजनीति भी दिक्कतें पैदा करती है। इस चक्कर में अपराधी भी संरक्षण पा जाते हैं। - हिंदुस्तान की राजनीति में नंबर की अहमियत है। इसी के फेरे में अपराधी भी मंत्री बन जाते हैं। - दल-बदल कानून से परेशानियां खड़ी हुई हैं। कई बार एक की कमी से सरकारें नहीं बन पातीं। - चुनाव आयोग के प्रयास सराहनीय हैं। आयोग की सख्ती से अपराधियों पर अंकुश लगेगा। बजेंद्र गुप्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा अपराधी की परिभाषा तय हो। यह स्पष्ट होना जरूरी है कि किसे अपराधी माना जाएगा। - अपराधियों को राजनीति में जाने से रोकने पर मतभेद का सवाल ही नहीं है। - जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर अमल करने की जरूरत है। ऐसे लोग कतई राजनीति में नहीं हों। - फिलहाल जब तक कोर्ट किसी को दोषी नहीं करार दे देती, वह आरोपी ही माना जाता है। - बहुत सारे लोग दबंग किस्म के होते हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं होता। चुनाव आयोग बधाई का पात्र है। उसने जो कदम उठाए हैं वे सार्थक हैं और उनका असर भी है। - पहले वोटर पर्चियां तक उम्मीदवारों की तरफ से भेजी जाती थीं। अब आयोग भिजवा रहा है। - चुनाव आयोग की वजह से ही चुनाव आज उत्सव की तरह है। ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए। - अपराधियों की बाढ़ राजनीति को ही नहीं, हमारे सामाजिक ताने बाने को भी प्रभावित करती है। - अदालत, चुनाव आयोग के साथ साथ शुचिता के प्रयास राजनीतिक दलों के स्तर पर भी वांछित हैं।