अनुच्छेद 370 को हटाने को राज्य में व्यापक समर्थन
जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के वजूद में रहने या न रहने को लेकर छिड़ी बहस गरमाने लगी है। राजनीतिक दलों से लेकर महिलाओं, व्यापारी वर्ग, कश्मीरी पंडितों के बीच बहस का मुद्दा यह है कि आखिर 370 के वजूद में रहने से लाभ क्या है?
By Edited By: Updated: Thu, 29 May 2014 09:22 AM (IST)
जम्मू (जागरण संवाददाता)। जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के वजूद में रहने या न रहने को लेकर छिड़ी बहस गरमाने लगी है। राजनीतिक दलों से लेकर महिलाओं, व्यापारी वर्ग, कश्मीरी पंडितों के बीच बहस का मुद्दा यह है कि आखिर 370 के वजूद में रहने से लाभ क्या है? वहीं राजनेता 370 पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
कश्मीरी पंडित समुदाय का मानना है कि 370 ने ही उनको बेघर किया है। पनुन कश्मीर के कनवीनर डॉ. अग्निशेखर ने कहा कि कश्मीर के लोगों में विशेष दर्जा प्राप्त होने की चाह ने ही पृथकतावाद को जन्म दिया है। कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को खदेड़े जाने के पीछे भी उसी मानसिकता की अधिक भूमिका रही है। पनुन कश्मीर अन्य गुट के प्रधान अश्विनी चरंगू ने धारा को अलगाववाद को हवा देने का पर्याय बताया। पनुन कश्मीर के चेयरमैन डॉ. अजय चरंगू के लिए धारा को हटाया जाना ही राज्य के विकास के लिए हितकर रहेगा। जम्मू-कश्मीर विचार मंच के महासचिव हीरा लाल भट्ट ने अनुच्छेद 370 को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया है। राज्य के अवाम को मालूम होना चाहिए कि इसे संविधान में अस्थाई रूप से शामिल किया गया था लेकिन राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों ने हटने में हमेशा से ही अड़ंगा ही फंसाया। जम्मू के व्यापारी अभय अग्रवाल ने विशेष दर्जे को व्यापारियों का हितैषी न मानकर विकास की राह में रोड़ा बताया है। उनका मानना है कि इसकी वजह से यहां बाहरी उद्यमी निवेश करने से घबराते हैं। पीडीपी ने केंद्र के पाले में फेंकी गेंद
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर गेंद केंद्र के पाले में फेंकते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार इसे समाप्त करना चाहती है तो उसे कश्मीरियों को नई दिल्ली के साथ अपने रिश्ते तय करने का अधिकार भी देना होगा। पत्रकारों के साथ बातचीत में महबूबा ने कहा कि हमारा स्टैंड पूरी तरह स्पष्ट है। राज्य के विशेषाधिकार के साथ कोई छेड़खानी नहीं हो सकती। अगर आप इसके साथ कोई शरारत करना चाहते हैं तो फिर आपको कश्मीरियों को उनकी इच्छा के बारे में भी पूछने को तैयार रहना होगा। समझ में नहीं आता कि अनुच्छेद 370 का मामला क्यों उठाया जा रहा है।
पूरे कश्मीर में नेकां का प्रदर्शन सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने बुधवार को कश्मीर में दक्षिण से उत्तर तक प्रत्येक जिला मुख्यालय में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अनुच्छेद 370 को भंग किए जाने की किसी भी साजिश के खिलाफ खबरदार रहने को कहा। इस दौरान दक्षिण कश्मीर में उत्तेजित नेकांइयों ने केंद्र सरकार का पुतला भी जलाया। सुबह नेकां की कोर समिति की बैठक के बाद प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी की अगुआई में नेकां के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय से टीआरसी चौक तक एक जुलूस निकाला। वादी के अन्य जिला मुख्यालयों में भी नेकां कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाले। पढ़ें: कश्मीर देश की रूह, न छेड़े मोदी सरकार : शरद यादव पढ़ें: अनुच्छेद 370 की प्रासंगिकता