दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा नहीं खोल रही पत्ते
बीते करीब डेढ़ महीने से जारी सियासी घमासान के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूबे में सरकार बनाने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। वहीं, कांग्रेस व आप भाजपा पर लगातार हमले कर रही हैं। आप कई बार भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में लिप्त होने का आरोप भी लगा चुकी है।
By Edited By: Updated: Tue, 22 Jul 2014 10:10 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बीते करीब डेढ़ महीने से जारी सियासी घमासान के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूबे में सरकार बनाने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। वहीं, कांग्रेस व आप भाजपा पर लगातार हमले कर रही हैं। आप कई बार भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में लिप्त होने का आरोप भी लगा चुकी है। ऐसे में वक्त आ गया है कि पार्टी यह बताए कि वह सूबे में चुनाव कराना चाहती है या उसका इरादा सरकार बनाने का है।
दरअसल, आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल व पार्टी के तमाम विधायकों से मिलने के बाद सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि वह बाकी पक्षों की राय जानने के बाद दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को लेकर राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे। राजनिवास के उच्चाधिकारियों की मानें तो जंग इसी सप्ताह भाजपा के नेताओं को बुलाकर उनकी राय जानेंगे। उसके बाद वे कांग्रेस के नेताओं से भी विचार-विमर्श करेंगे। भाजपा अब तक यह कहती रही है कि यदि उपराज्यपाल उसे बुलाएंगे तो वह सरकार बनाने पर विचार करेगी। ऐसे में अब उपराज्यपाल से बातचीत के दौरान उसे अपनी मंशा स्पष्ट करनी होगी। उच्चाधिकारियों के मुताबिक, यह जरूरी है कि दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उपराज्यपाल सभी दलों से उनकी राय जान लें। बताया जा रहा है कि उपराज्यपाल हर हाल में अपनी रिपोर्ट इसी महीने राष्ट्रपति को भेज देंगे। अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मुलाकात के दौरान कहा कि दिल्ली विधानसभा को तुरंत भंग कर दिया जाए। उन्होंने यह दलील भी दी कि विधानसभा को भंग करने में जितना विलंब होगा, विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका उतनी ही बढ़ेगी।
केजरीवाल के मुताबिक, उपराज्यपाल अब भाजपा को बुलाएंगे। यदि भाजपा के नेताओं ने सरकार बनाने का दावा पेश किया तो उपराज्यपाल उनसे बहुमत के बारे में पूछताछ जरूर करेंगे। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है, और बगैर जोड़-तोड़ के दिल्ली में सरकार नहीं बन सकती। ऐसे में दूर-दूर तक बगैर किसी जोड़तोड़ के दिल्ली में सरकार का गठन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उधर कांग्रेस ने भी कह दिया है कि वह न तो भाजपा और न ही आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देगी। कांग्रेस के छह विधायकों के टूटकर भाजपा को समर्थन देने की बातें कही जाती रही हैं। हालांकि, लंबे समय से चल रही इस चर्चा के बाद शनिवार को कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ दिखाई दिए।