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उपराज्यपाल नजीब जंग की कुर्सी भी खतरे में

दिल्ली की नौकरशाही में बड़े बदलाव की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रलय ने सूबे के मुख्य सचिव एसके श्रीवास्तव को हटा दिया है। उनकी जगह भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1

By Edited By: Updated: Thu, 28 Aug 2014 09:54 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दिल्ली की नौकरशाही में बड़े बदलाव की शुरुआत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सूबे के मुख्य सचिव एसके श्रीवास्तव को हटा दिया है। उनकी जगह भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1979 बैच के अधिकारी दीपक मोहन स्पोलिया को दोबारा मुख्य सचिव बनाया गया है। वे बृहस्पतिवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्हें जनवरी, 2015 में सेवानिवृत्त होना है।

सनद रहे कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसी साल जनवरी में स्पोलिया को हटाकर श्रीवास्तव को मुख्य सचिव की कुर्सी सौंपी थी। समझा जा रहा है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान राजधानी में विकास की गतिविधियां ठप हो जाने के आरोपों के मद्देनजर श्रीवास्तव को हटाया गया है। उनकी विदाई के बाद से सत्ता के गलियारों में यह चर्चा तेज है कि अब उपराज्यपाल नजीब जंग सहित दिल्ली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात कई आला अधिकारियों को उनके पदों से हटाया जा सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आदेश के अनुसार, मुख्य सचिव पद पर स्पोलिया की तत्काल प्रभाव से नियुक्ति की बात कही गई है। वे अब तक दिल्ली वित्त आयोग के आयुक्त के पद पर तैनात थे। मुख्य सचिव पद से हटाए गए श्रीवास्तव की नई नियुक्ति को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें स्पोलिया की जगह दिल्ली वित्त आयोग का आयुक्त बनाया जा सकता है।

आपको बता दें कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के गठन के समय डीएम स्पोलिया ही दिल्ली के मुख्य सचिव थे। सरकार गठन के कुछ ही दिनों बाद केजरीवाल सरकार ने उन्हें पद से हटाकर एसके श्रीवास्तव को मुख्य सचिव बना दिया। मगर इस सरकार का पतन गठन के 49 दिनों बाद ही हो गया और उसके बाद सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। तब से श्रीवास्तव लगातार दिल्ली के मुख्य सचिव बने हुए थे। उनके मुख्य सचिव पद पर रहते हुए प्राकृतिक गैस मामले में रिलायंस कंपनी व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली के खिलाफ दिल्ली सरकार के तहत काम करने वाली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा [एसीबी] द्वारा मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया गया था। अब केंद्र व दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा है कि एसीबी को केंद्र के मामलों में जांच करने का अधिकार नहीं है।

राष्ट्रपति शासन में दिल्ली की विकास गतिविधियों के ठप होने के आरोप लगातार लगाए जा रहे थे। सूबे के भाजपा नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर राजधानी की नौकरशाही में बदलाव करने की मांग की थी। बताते हैं कि पिछले दिनों जब भाजपा के एक विधायक ने मुख्य सचिव से मिलने का वक्त मांगा तो उन्हें 45 दिन बाद का समय दिया गया। विधायकों में सरकार के इस रवैए से बेहद नाराजगी थी। कांग्रेस ने भी सरकार के खिलाफ 25 सूत्री चार्जशीट जारी कर शहर में विकास की गतिविधियों के ठप होने का आरोप लगाया था। आम आदमी पार्टी भी सरकार के कामकाज पर अंगुली उठाती रही है।

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