पंटून पुल को लेकर दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट, भगदड़ की स्थित में हादसे की अाशंका
यमुना नदी के किनारे 11 फरवरी को होने वाले श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के लिए अार्मी के जवान प्लाटून पुल बनाने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि सेना के जवानों ने अब तक एक पुल का निर्माण कर चुके हैं।
नई दिल्ली। यमुना नदी के किनारे 11 मार्च को होने वाले श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के लिए अार्मी के जवानों द्वारा बनाए जा रहे पंटूनपुल का दिल्ली पुलिस ने निरीक्षण किया। अपने रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि कार्यक्रम स्थल पर सात पंटूनपुल बनाने का प्रस्ताव है।
इसमें एक पुल बनकर तैयार हो गया है, दूसरे का निर्माण कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि पुल के दोनों तरफ किसी भी प्रकार का घेरा नहीं है। पुलिस ने अाशंका व्यक्त की है कि भगदड़ या अराजकता की स्थिति में लोग नदी में गिर सकते हैं। इसके अलावा पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था में खामियों को भी उजागिर किया है।
गौरतलब है कि सेना के जवान अब तक एक पुल का निर्माण भी कर चुके हैं। इस संबंध में विवाद बढ़ने पर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने बताया कि श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम के लिए रक्षा मंत्रालय के पास 6 पंटून ब्रिज बनाने का आवेदन आया था लेकिन सेना ने इंकार कर दिया था।
पंटूनपुल बनवाने को लेकर विवाद
दिल्ली में यमुना किनारे होने वाले आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में सेना से पंटून पुल बनवाने को लेकर विवाद हो गया है। अब तक सेना एक पुल बना चुकी है और दूसरा पुल बनाने का काम जोरों पर है। संभावना है कि सेना तीसरा पुल भी बना सकती है।
उठे कई सवाल
श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कराया जाने वाला यह एक निजी कार्यक्रम है। फिर इसके लिए सेना क्यों जुटी है, हालांकि सेना का तर्क है कि वह यह काम रक्षा मंत्रालय के आदेश पर कर रही है। वहीं सेना के सूत्रों ने बताया है कि पुलों को बनाने के लिए 120 जवान लगाए गए थे, कहा गया है कि पीएम के आने और किसी तरह की भगदड़ न मचे इसलिए सेना ने पुल बनाए हैं। वहीं यह भी कहा गया है कि आर्ट ऑफ लिविंग को बकायदा इसका बिल भेजा जाएगा। सेना यह भी कह रही है कि वह कुंभ और कॉमनवेल्थ गेम्स में पुल निर्माण का काम कर सकती है तो फिर यहां क्यों नहीं?
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