विकास दर पड़ी धीमी, सरकारी कंपनियों का भविष्य अनिश्चितः डॉ मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहां एक समारोह में कहा कि देश में निवेश काफी धीमी गति है, दूसरी तरफ सरकारी कंपनियों का भविष्य अनिश्चित दिख रहा है। लेकिन इस बात पर आम सहमति है कि देश की विकास दर कम से कम 8 फीसद सालाना की दर
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहां एक समारोह में कहा कि देश में निवेश की रफ्तार काफी धीमी है, दूसरी तरफ सरकारी कंपनियों का भविष्य अनिश्चित दिख रहा है। हालांकि इस बात पर आम सहमति है कि देश की विकास दर कम से कम 8 फीसद सालाना की दर से होनी चाहिए। वे इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) के 31वें अभिवेशन में बोल रहे थे। वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा कि आजकल फेसबुक-ट्विटर और सेल्फी के दिन हैं। पहले अच्छे दिन, फिर स्वच्छ भारत, फिर मेक इन इंडिया और अब एक्सेसिबल इंडिया। भगवान जाने इसके बाद क्या आएगा?
राहुल ने कहा कि आजकल खबरें केवल एक दिन के लिए होती है। अब शब्दों का महत्व नहीं रहा। हम विकास, ग्रोथ जैसे शब्द खूब सुनते हैं और सामान्यतः इन शब्दों पर भरोसा भी करते हैं। लेकिन वास्तव में क्या आप इन शब्दों के पीछे छुपे खेल को जानते हैं। आपको पता है कि किसका ग्रोथ हो रहा है। ग्रोथ किसके लिए? विकास किसके लिए? डेवलपमेंट किसका? इससे किसको फायदा मिल रहा है? उन्होंने अधिवेशन में मौजूद श्रमिकों से कहा कि मैं अपने दिल की गहराई से आपको धन्यवाद करना चाहता हूं। देश आपकी कड़ी मेहनत की कद्र करता है।
उन्होंने कहा कि देश के पीएम की सोच भारत को एक ग्लोबल मैनुफैक्चर बनाने की है। मैं ये मानता हूं, लेकिन इसके बाद हमारी सहमति खत्म। मैं आपको लोकसभा, राज्यसभा, पंचायत, नगरपालिका और मंत्री मंडल में देखना चाहता हूं, क्योंकि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि आप घुटने टेक दें। मेक इन इंडिया को लेकर मेरी सोच पीएम की सोच से काफी अलग है। पीएम सोचते हैं कि मजदूरों से जबरदस्ती काम करवाओ और उन्हें डरा कर काम के लिए प्रेरित करो। लेकिन हम नहीं चाहते कि इस देश की आधारशिला आपके खून और पसीनों से रखी जाए और देश का विकास आपके बच्चों के भविष्य की कीमत पर हो।
उन्होंने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों को शोषण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई कानून बनाए। लेकिन मोदी उसे खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी मैं नहीं जानता कि आपको कौन लोग सलाह दे रहे हैं, लेकिन आपको कुछ वक्त उन लोगों के साथ भी बिताना चाहिए जो मजदूर और उनका दुख करीब से जानते हैं।
INTUC अधिवेशन में राहुल ने कहा मजदूर तभी सबसे अच्छा काम करते हैं जब आप उनको इज्जत देते हैं। वे सबसे ज्यादा उत्पादन तभी करते हैं जब आप उनसे बराबरी का व्यवहार करें। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो जब भी हमें महसूस होता था कि गरीबों को मदद की जरूरत है तो उनके लिए मनमोहन सिंह जी और सोनिया जी हमेशा मौजूद रहीं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जिस तरह से हमने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी और जमीन अधिग्रहण बिल को पास नहीं होने दिया। उसी तरह मैं आपके लिए भी लड़ाई लड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सोचते हैं कि वे डराधमका कर मजदूरों से काम करवा लेंगे, लेकिन हम मजदूरों के लिए लड़ते रहेंगे। हम मजदूर विरोधी कानूनों को रोकने की INTUC की लड़ाई के साथ हैं। हम मोदी जी, भाजपा और आरएसएस से आपके लिए लड़ाई लड़ेंगे। हम भाजपा और आरएसएस से मजदूरों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ेंगे।