राष्ट्रीय कार्य परिषद से प्रशांत-योगेंद्र की छुट्टी, बैठक में चले लात-घूसे
प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव सहित चार नेताओं को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी की नेशनल काउंसिल की मीटिंग में इन दोनों नेताओं के साथ अजीत झा और प्रोफेसर आनंद कुमार की भी छुट्टी कर दी गई। प्रशांत भूषण और
नई दिल्ली। प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव सहित चार नेताओं को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी की नेशनल काउंसिल की मीटिंग में इन दोनों नेताओं के साथ अजीत झा और प्रोफेसर आनंद कुमार की भी छुट्टी कर दी गई।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि अंदर उन लोगों पर लात-घूसे चले और बाउंसरों से पिटाई कराई गई। अंदर गुंडई का नंगा नाच किया गया। हम लोगों की कोई भी बात नहीं सुनी गई। आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज इन नेताओं पर फैसले के लिए बुलाई गई थी। इससे पहले आम आदमी पार्टी में आज अनुशासन और पारदर्शिता उस समय तार-तार हो गई, जब बैठक स्थल पर योगेंद्र यादव के साथ आप के कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की व गाली गलौच की और उनके विरोध में नारे लगाए।
भारी हंगामे के बीच शुरू हुई मीटिंग में सबसे पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का भाषण हुआ। केजरीवाल के भाषण के बाद मीटिंग की अध्यक्षता गोपाल राय ने की और मनीष सिसोदिया ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजीत झा और प्रोफेसर आनंद कुमार को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पास हो गया और इन चारों नेताओं को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।
पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल करीब 40 मिनट के भाषण के बाद सचिवालय के लिए निकल गए। इसके तुरंत बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी मीटिंग से बाहर आ गए। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में बाउंसर्स की मदद से लोगों को पीटा गया और घसीटा गया।
योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल के भाषण के दौरान गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। उन्होंने कहा, 'इसका विरोध हुआ, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रमजान चौधरी ने आवाज उठाई, मगर बाउंसर्स की मदद से उन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। योगेंद्र यादव ने बताया कि कई लोगों को वोट देने का मौका नहीं मिला और बोगस वोटिंग भी हुई।
केजरीवाल के भाषण के बीच ही नारेबाजी शुरू हो गई। योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण का आरोप है कि मीटिंग के दौरान लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। गुंडई का नंगा नाच देखने को मिला। हमें अपनी बात तक नहीं रखने दी गई। बैठक से पहले योगेंद्र यादव के साथ आए लोगों को मीटिंग में जाने से रोक दिया गया इसके विरोध में योगेंद्र यादव बैठक स्थल के बाहर कुछ देर धरने पर भी बैठे। इस पूरे घटनाक्रम पर योगेंद्र यादव वे कहा कि उन्होंने एेसे बुरे दिन के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। बताया गया है कि स्थिति काफी तनावपूर्ण है। योगेंद्र यादव ने कहा कि उनके समर्थकों को मीटिंग में भाग लेने के लिए जरूरी वैध दस्तावेज होने के बाद भी उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। बाद में योगेंद्र मीटिंग में भाग लेने के लिए अंदर गए।
बैठक से पहले योगेंद्र यादव ने कहा कि आज बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज इस बात का फैसला होना है कि जिस मकसद से इस पार्टी का गठन हुआ था उसका भविष्य क्या है। योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं का सुझाव मिला, हमें पूरा विश्वास है कि उनका सुझाव और उनकी शुभकामनाएं बेकार नहीं जाएंगी। इसके साथ ही योगेंद्र यादव ने कहा कि सभी साथियों, समर्थकों और शुभचिंतकों से अनुरोध है कि अगर आप पार्टी की आत्मा व एकता को बनाए रखना चाहते हैं तो घर बैठकर प्रार्थना करें। राष्ट्रीय परिषद की बैठक स्थल के बाहर किसी शक्ति परीक्षण या तू-तू मैं- मैं का हिस्सा न बनें।
उधर, बैठक शुरू होने से पहले आप के संजय सिंह ने इस विवाद पर कहा कि हमने उनकी सभी बातें मान ली। हमने विवाद को सुलझाने का हर संभव प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए वह आप में टूट की संभावना से इन्कार नहीं किए। सूत्रों के मुताबिक आप ने एडमिरल रामदास को इस बैठक में शामिल नहीं होने का अनुरोध किया था। वे इस बात से काफी नाराज हैं।
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