अपने ही नियमों की कसौटी पर फेल अमेरिका
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागडे पर वीजा धोखाधड़ी का मामला खोलकर अमेरिका अपने ही जाल में उलझता जा रहा है। एक ओर देवयानी के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई में नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के वेतन भत्तों के सुबूत अमेरिका के दोहरे मानदंडों
By Edited By: Updated: Tue, 31 Dec 2013 02:35 AM (IST)
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागडे पर वीजा धोखाधड़ी का मामला खोलकर अमेरिका अपने ही जाल में उलझता जा रहा है। एक ओर देवयानी के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई में नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के वेतन भत्तों के सुबूत अमेरिका के दोहरे मानदंडों की भी पोल खोलते हैं।
भारतीय महिला राजनयिक देवयानी की घरेलू नौकरानी संगीता रिचर्ड के कथित कम वेतन पर तो अमेरिकी सरकार ने अतिसंवेदनशीलता दिखाते हुए राजनयिक शिष्टाचार को भी ताख पर रख दिया। वहीं भारत स्थित दूतावास में काम करने वाले कई भारतीय नागरिकों को मिलने वाले वेतन भत्ते अमेरिकी नागरिकों के मुकाबले ही नहीं, बल्कि संगीता रिचर्ड को न्यूयॉर्क में मिल रही तनख्वाह से भी कम हैं। दैनिक जागरण के पास मौजूद दस्तावेजी सुबूत बताते हैं कि अमेरिकी कानूनी क्षेत्राधिकार वाले दूतावास में काम करने वाले भारतीय नागरिकों के वेतन-भत्ते व सुविधाएं अमेरिका में समान पद श्रेणी के मुकाबले काफी कम हैं। करीब दो वर्ष पहले तक अमेरिकी दूतावास में वीजा अधिकारी पद पर तैनात एक भारतीय कर्मचारी की सेलरी-स्लिप उसका मासिक वेतन 2,07,385 प्रतिवर्ष दर्शाती है। औसतन 40 घंटे प्रति हफ्ते की दर से उक्त कर्मचारी का वेतन डेढ़ डॉलर प्रति घंटा ही बैठता है। जबकि समकक्ष अमेरिकी नागरिकों को अमेरिका में कहीं अधिक वेतन मिलता है। वहीं यह अमेरिका के तथाकथित न्यूनतम वेतन-भत्ता मानकों के मुकाबले भी काफी कम हैं। इतना ही नहीं कुछ वर्ष पहले वीजा क्लर्क पद के लिए अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने एक भारतीय नागरिक को 1,64,773 रुपये के कुल वेतन भत्तों की पेशकश की। इसका गणित तो प्रति घंटा औसतन एक डॉलर से बस थोड़ा ही अधिक बैठता है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय खेमे की ओर से जमा सूचनाओं के मुताबिक अमेरिकी दूतावास सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनात भारतीय नागरिकों को 8 से 12 हजार रुपये देता है। वहीं घरेलू नौकरानी व ड्राइवर जैसी भूमिका निभाने वाले भारतीयों का वेतन 12 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह के करीब है। वाणिज्य दूतावास में तैनात वीजा अधिकारी का न्यूनतम वेतन 17 हजार रुपये से शुरू होता है। जबकि भारतीय खेमे का तर्क है कि आधिकारिक पासपोर्ट पर न्यूयॉर्क गई संगीता रिचर्ड को 30 हजार रुपये वेतन के अलावा मुफ्त आवास, भोजन तथा स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही थीं। बता दें कि अमेरिका ने न्यूयॉर्क में तैनात भारतीय उप-वाणिज्य दूत देवयावी खोबरागडे को अपनी घरेलू नौकरानी को निर्धारित से कम वेतन देने के मामले का दोषी मानते हुए अदालत में घसीटा है। इस मामले के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास से उसके कार्यालयों में काम कर रहे सभी भारतीय नागरिकों के वेतन भत्तों की सूचनाएं मांगी थी।
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