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आइटी पेशेवर की हत्या में हिंदू राष्ट्र सेना का अध्यक्ष गिरफ्तार

सलिल उरुनकर [मिड-डे]। भड़काऊ पर्चे बांटने के मामले में पहले से ही यरवदा जेल में बंद हिंदू राष्ट्र सेना [एचआरएस] के अध्यक्ष धनंजय देसाई को पुणे पुलिस ने आइटी पेशेवर मोहसिन शेख की हत्या के सिलसिले में मंगलवार रात को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। धनंजय पर हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप गया गया है। इस मामले में अब तक धनंजय समेत 20 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त [कानून एवं व्यवस्था] संजय कुमार ने धनंजय की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। सरकारी वकील पंडित जाधव के मुताबिक, पुणे पुलिस ने धनंजय के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। वारंट जारी के बाद पुलिस ने पुणे की यरवदा जेल में बंद धनंजय को अपनी हिरासत में ले लिया।

By Edited By: Updated: Wed, 11 Jun 2014 12:43 AM (IST)
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पुणे, सलिल उरुनकर [मिड-डे]। भड़काऊ पर्चे बांटने के मामले में पहले से ही यरवदा जेल में बंद हिंदू राष्ट्र सेना [एचआरएस] के अध्यक्ष धनंजय देसाई को पुणे पुलिस ने आइटी पेशेवर मोहसिन शेख की हत्या के सिलसिले में मंगलवार रात को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। धनंजय पर हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप गया गया है। इस मामले में अब तक धनंजय समेत 20 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त [कानून एवं व्यवस्था] संजय कुमार ने धनंजय की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। सरकारी वकील पंडित जाधव के मुताबिक, पुणे पुलिस ने धनंजय के प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। वारंट जारी के बाद पुलिस ने पुणे की यरवदा जेल में बंद धनंजय को अपनी हिरासत में ले लिया।

गौरतलब है कि फेसबुक पर छत्रपति शिवाजी और बाल ठाकरे की आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड किए जाने के बाद उग्र भीड़ ने पुणे के कई इलाकों में तोड़फोड़ करने के साथ ही कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। यही नहीं भीड़ ने मोहसिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसकी हत्या के बाद हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं ने मोबाइल पर संदेश भेजा था जिसमें लिखा था कि 'एक विकेट गिर गया।'

अमेरिका को लेटर रोगेटरी भेजेगी महाराष्ट्र पुलिस

पुणे। मोहसिन की हत्या से पहले पुणे में तोड़फोड़ और हंगामे के मामले में मुंबई पुलिस अमेरिका को लेटर रोगेटरी [एलआर] भेजने की तैयारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में फेसबुक सहयोग नहीं कर रही है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, 'हमने एलआर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि हमें कुछ आवश्यक जानकारियां चाहिए।' पुलिस ने इस मामले में नीदरलैंड, सऊदी अरब, फ्रांस और रोमानिया के चार कंप्यूटरों के आइपी एड्रेस का भी पता लगाया है, जिनसे प्रोक्सी सर्वर के जरिए फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।

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