ममता की मदद से राज्यसभा से पारित होगा जीएसटी विधेयक!
विधानसभा चुनावों के नतीजों का असर राज्यसभा में भी देखने को मिलेगा जहां जीएसटी पारित करवाने में केंद्र सरकार को मदद मिल सकती है।
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब केंद्र सरकार राज्यसभा में अपनी संख्या में इजाफा कर लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी बिल को पारित कराना चाहती है, उसके लिए ममता की जीत बहुत मायने रखती है। गुरूवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इसका उदाहरण भी देखने को मिला जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी से उनकी पार्टी के वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन वह मोदी सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित करने में सहयोग देगी।
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विधानसभा चुनाव के नतीजों का सबसे बड़ा प्रभाव कांग्रेस और वामदलों को लगेगा क्योंकि राज्यसभा में उनकी संख्या में कमी आएगी। वहीं टीएमसी सहित अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की जीत केंद्र के लिए जीएसटी पास कराने में मददगार साबित हो सकती है। यदि जीएसटी पर वोटिंग होती है तो तृणमूल कांग्रेस के वोट इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। यह पहली बार होगा कि एनडीए राज्यसभा में यूपीए पर भारी पड़ेगा। और तेलगुदेशम पार्टी के साथ इसका गठबंधन होने से एनडीए को 7 सीटों का अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।
राज्यसभा में केवल टीएमसी के समर्थन से ही सरकार की परेशानियां कम नहीं होने वाली हैं। एनडीए को उम्मीद है कि उसे गैर एनडीए और गैर यूपीए दलों, जैसे- समाजवादी पार्टी, बीजू जनता दल और बसपा से भी समर्थन मिलेगा। ये पार्टियां या तो वोट देकर एनडीए का समर्थन कर सकती हैं या राज्यसभा में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहकर सरकार का समर्थन कर सकती हैं।
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असम में भाजपा की बड़ी जीत राज्यसभा की दृष्टि से तुरंत ही पार्टी के लिए कोई मददगार साबित नहीं होने वाली है क्योंकि 2019 तक उपरी सदन में राज्य से कोई सीट खाली नहीं होने वाली है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलांगना और उत्तर प्रदेश से अगले महीने 57 राज्य सभा सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा को चार अतिरिक्त सीटें मिलने का अनुमान है जबकि तीन सीटें उसकी सहयोगी टीडीपी को मिल सकती हैं।