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महाराष्‍ट्र : विश्वास मत पर अविश्वास, धक्का-मुक्की में राज्यपाल घायल

भाजपा द्वारा चतुराई से बिछाई गई बिसात के सहारे महाराष्ट्र की देवेंद्र फडऩवीस सरकार ने विधान सभा में बुधवार को विश्वास मत हासिल कर लिया। हालांकि, ध्वनिमत से हासिल किए गए विश्वास मत को कांग्रेस और शिवसेना ने असंवैधानिक करार दिया है।

By Sudhir JhaEdited By: Updated: Thu, 13 Nov 2014 07:25 AM (IST)
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मुंबई। भाजपा द्वारा चतुराई से बिछाई गई बिसात के सहारे महाराष्ट्र की देवेंद्र फडऩवीस सरकार ने विधान सभा में बुधवार को विश्वास मत हासिल कर लिया। हालांकि, ध्वनिमत से हासिल किए गए विश्वास मत को कांग्रेस और शिवसेना ने असंवैधानिक करार दिया है।

दोनों पार्टियों ने विधान सभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े के निर्णय पर कड़ी आपत्ति की है। विश्वास मत पर पुन: मतदान कराने की मांग करते हुए दोनों दलों के नेता विधानभवन की सीढिय़ों पर कुछ समय के लिए धरने पर भी बैठे। अभिभाषण के लिए विधानभवन पहुंचे राज्यपाल विद्यासागर राव कांग्रेस विधायकों की धक्कामुक्की में घायल हो गए।

उन्हें हाथ में चोट लगी है। विधान सभा में वित्त मंत्री एकनाथ खडसे ने अभद्रता करने वाले विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा। इस पर स्पीकर ने कांग्रेस के पांच विधायकों अब्दुल सत्तार, जयकुमार गोरे, राहुल बोंद्रे, अमर काले और वीरेंद्र जगताप को दो साल के लिए सदन से निलंबित कर दिया।

प्रस्ताव पारित होते ही हंगामा

स्पीकर द्वारा विश्वास प्रस्ताव पारित होने की घोषणा करते ही शिवसेना और कांग्रेस के विधायक वेल में पहुंच गए और भारी हंगामा किया। इस पर स्पीकर ने कार्रवाई स्थगित कर दी।

प्रक्रिया को सही बताया

विस अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने कहा, विश्वास मत की प्रक्रियानियमानुसार हुई है। विपक्ष ने प्रस्ताव पेश होने के तुरंत बाद मतदान की मांग की होती, तो वह जरूर मतदान कराते।

शिवसेना मुख्य विपक्षी दल

सरकार के विश्वास मत जीतने के बाद बागड़े ने 63 विधायकों वाली शिवसेना को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा दे दिया। एकनाथ शिंदे को विरोधी दल के नेता के रूप में मान्यता दी गई।

ऐसे बिछाई बिसात

* मुख्यमंत्री के प्रयासों से भाजपा के हरिभाऊ बागड़े निर्विरोध विधान सभा के अध्यक्ष चुन लिए गए।

* भाजपा सदस्य आशीष शेलार ने फडऩवीस सरकार के पक्ष में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। बागड़े ने प्रस्ताव पर सदन की राय मांगी।

* विपक्षी सदस्यों द्वारा मतदान की मांग करने से पहले ही भाजपा सदस्यों ने आवाज बुलंद कर ध्वनिमत से विश्वास मत जीतने का संकेत दे दिया।

* शिवसेना व कांग्रेस ने विश्वास मत पर मतदान की मांग तब की, जब स्पीकर ने विपक्ष के नेता पर प्रस्ताव पढऩा शुरू कर दिया।

* विपक्ष की मांग को अध्यक्ष ने यह कहकर खारिज कर दिया कि विश्वास मत पारित हो चुका है।

* विश्वास मत पारित किए जाने और बाद में शिवसेना-कांग्रेस के हंगामे के दौरान राकांपा विधायक शांत बैठे रहे।

'हमने कानूनी प्रावधानों के तहत विश्वास मत हासिल किया है। यदि किसी को लग रहा है कि हमारे पास बहुमत नहीं है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। हम बहुमत साबित कर देंगे।' -देवेंद्र फडऩवीस, मुख्यमंत्री

'ध्वनिमत से विश्वास मत पारित कराना लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। सदन को नियमानुसार चलाया जाना चाहिए और संविधान से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए' -एकनाथ शिन्दे, नेता प्रतिपक्ष

'महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक इतिहास का यह काला दिन है। यहां ध्वनिमत से विश्वास मत कभी पारित नहीं हुआ। जब तक मतदान के जरिए बहुमत साबित नहीं होता, सरकार अवैध है।' -पृथ्वीराज चह्वाण, पूर्व मुख्यमंत्री

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