अब तो हो गया साफ: बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपइया
आर्थिक तंगी में मंहगाई की मार दांपत्य जीवन पर भारी पड़ने लगी है। धन की कमी आपसी रिश्तों में खटास ही पैदा नहीं कर रही, अब मामले तलाक की शिकायतों तक पहुंच गए हैं। राजधानी में आर्थिक तंगी से जूझते लोगों की जिंदगी बिखरने लगी है। दिल्ली महिला आयोग में अब तलाक के मामलों में ऐसे भी मामले शामिल हो गए हैं, ि
By Edited By: Updated: Mon, 09 Sep 2013 11:02 AM (IST)
शिप्रा सुमन, नई दिल्ली। आर्थिक तंगी में मंहगाई की मार दांपत्य जीवन पर भारी पड़ने लगी है। धन की कमी आपसी रिश्तों में खटास ही पैदा नहीं कर रही, अब मामले तलाक की शिकायतों तक पहुंच गए हैं। राजधानी में आर्थिक तंगी से जूझते लोगों की जिंदगी बिखरने लगी है।
पढ़ें: पीएम को भरोसा, जल्द सुधरेंगे आर्थिक हालात दिल्ली महिला आयोग में अब तलाक के मामलों में ऐसे भी मामले शामिल हो गए हैं, जिनकी वजह आर्थिक तंगी व घर की जरूरतों का पूरा न हो पाना है। पत्िनयां यह आरोप लगाने से नहीं हिचक रहीं कि उनके पति घर की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम हैं। आयोग में प्रतिदिन करीब 5 से 6 मामले ऐसे आते हैं, जिनमें महिलाएं अपने पति पर जरूरतों को पूरा न करने का आरोप लगाती हैं।
आयोग की हेल्पलाइन काउंसलिंग की अधिकारी सिमीन इलाही बताती हैं कि तलाक से संबंधित मामलों में आर्थिक तंगी पति-पत्नी में आपसी झगड़ों की वजह बन रही है। पिछले दो महीनों में करीब 360 मामले ऐसे हैं, जिनमें तलाक की वजह आर्थिक तंगी रही है। इनमें कुछ आयोग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायतें दर्ज कराते हैं व कुछ आयोग के दफ्तर आकर, जिनमें अभी तक 70 फीसद मामलों की काउंसलिंग चल रही है व 30 फीसद मामले कोर्ट में फैसले का इंतजार कर रहे हैं। शराब की लत व आय में कमी से परेशानी :
दिलशाद गार्डन की रहने वाली कविता बताती हैं कि उन्हें बच्चों की फीस भरने के लिए अपने मायके से पैसे मांगने पड़ते हैं। उनका पति अपनी आय को छिपाता है, घर की जरूरतों को पूरा करने के बजाए रुपयों को शराब खर्च कर देता है। रोज खाने-पीने, मकान के किराए को लेकर झगड़े होते हैं। वे अब उसके साथ और नहीं रह सकतीं। बदहाली और तानों से परेशान : पीतमपुरा की लाजवंती का कहना है कि उनके पति ने अधिक आय होने की झूठी बात कही और अब जिंदगी बदहाल है। इतना ही नहीं पैसे की कमी को पूरा दोष उन पर थोपा जाता है। बार-बार मायके से पैसे लाने का दबाव भी बनाया जाता है। यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। निजी क्षेत्र में कार्यरत माधुरी ने कहा कि पति-पत्नी का रिश्ता बहुत नाजुक होता है। एक दूसरे की खामियां निकालने से अच्छा है एक दूसरे की परेशानियों को समझों और उन्हें दूर करने का प्रयास करें, लेकिन किसी को धोखे में रखना भी उचित नहीं है। महिला आयोग की सदस्य व कानूनी सलाहकार पम्मी होंडा ने कहा कि तलाक की नौबत तब आती है, जब शादी से पहले ठीक तौर पर जांच पड़ताल नहीं हुई हो। आर्थिक स्थिति तलाक की वजह बन सकती है, इसमें कोई दो राय नहीं। कई मामलों में ऐसा होता है कि शादी के वक्त आय बढ़ा कर बताई जाती है और बाद में वह बेहद कम होती है।
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