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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली।

By anand rajEdited By: Updated: Mon, 07 Dec 2015 09:42 PM (IST)
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नई दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली।

- पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ रुपये का लोन दे दिया। इसके बाद पांच लाख रुपये से यंग इंडिया कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है।

- इसके बाद के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडिया को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडिया को कांग्रेस का लोन चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडिया को एजेएल के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडिया को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।

सोनिया और राहुल की दलील

दिल्ली हाई कोर्ट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड की करोड़ों की संपत्ति हड़पने के आरोपों से इन्कार किया। सोनिया और राहुल ने हाई कोर्ट में कहा कि कांग्रेस की संपत्ति उनकी निजी संपत्ति नहीं है।

डोनेशन को मर्जी से खर्च करने का हक

हाई कोर्ट में सोनिया और राहुल की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस को सालों से डोनेशन मिलता रहा है। पार्टी उसे जैसे चाहे खर्च कर सकती है। कोई अन्य इसके लिए सवाल नहीं उठा सकता। स्वामी के अलावा अब तक किसी ने सवाल नहीं उठाया। अब तक पार्टी को जो डोनेशन मिला था वह नियमों के मुताबिक मिला था। यह इनकम थी, इनकम फ्रॉम प्रापर्टी।

यह विचारधारा का मामला

सिब्बल ने कहा कि एजेएल में 90 करोड़ का ट्रांजैक्शन था। वह कमर्शियल काम के लिए नहीं था बल्कि एक विचारधारा के लिए था। यह विचारधारा थी नेशनल हेराल्ड का रिवाइवल। इस बात का जिक्र कांग्रेस प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी किया था। इस अखबार से कांग्रेस की भावनाएं जुड़ी हैं, क्योंकि इसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। किसी भी शेयरहोल्डर ने शिकायत नहीं की, इसलिए यह केस नहीं बनता।

हाई कोर्ट का स्वामी से सवाल

भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी से हाई कोर्ट ने पूछा कि इस केस में आपकी क्या स्थिति है? आप इस केस में न तो पीडि़त हैं और न ही संस्था से किसी तरह से जुड़े हुए हैं। आपके पास क्या सबूत है कि यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड के शेयर ट्रांसफर किए? स्वामी ने कोर्ट में कहा कानूनन वे शिकायतकर्ता बन सकते हैं। यह मामला पब्लिक इंटरेस्ट का है। जैसे 2जी केस में वह शिकायतकर्ता हैं।

1600 करोड़ की बिल्डिंग के लिए की गई साजिश

स्वामी ने इस 90 करोड़ रुपये के प्रकरण में हवाला कारोबार का शक जताया है। स्वामी का यह भी आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 1,600 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। स्वामी का आरोप है कि साजिश के तहत यंग इंडिया कंपनी को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।

व्यासायिक इस्तेमाल हो रहा बिल्डिंग का

हेराल्ड हाउस को फिलहाल पासपोर्ट ऑफिस के लिए किराये पर दिया गया है। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाजा से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

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