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हड़तालियों को नहीं मना सके सरकार के दूत

सपा नेता व जूनियर डॉक्टरों के बीच विवाद के चलते तीन दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं बंद किए हड़तालियों को अखिलेश सरकार के दूत नहीं मना सके। सोमवार को विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा अरविंदम भट्टाचार्य व महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ. केके गुप्ता मामले का हल निकालने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपु

By Edited By: Updated: Mon, 03 Mar 2014 10:35 PM (IST)

कानपुर, [जासं]। सपा नेता व जूनियर डॉक्टरों के बीच विवाद के चलते तीन दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं बंद किए हड़तालियों को अखिलेश सरकार के दूत नहीं मना सके। सोमवार को विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा अरविंदम भट्टाचार्य व महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ. केके गुप्ता मामले का हल निकालने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर पहुंचे। लेकिन जूनियर डाक्टरों की व्यथा के बजाए मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों की चिकित्सा सुविधाएं बहाल कराने की उनकी प्राथमिकता पर फैकल्टी व जूनियर डॉक्टर भड़क गए और उन्होंने हड़ताल खत्म करने से इन्कार कर दिया। इस दौरान इलाज के अभाव में तीन और मरीजों ने दम तोड़ दिया। जबकि महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को तीन सौ डाक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे सौंप दिए।

हड़तालियों पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने आइएमए अध्यक्ष डॉ. आरती लाल चंदानी व उनके पति डॉ. देवेंद्र लाल चंदानी के खिलाफ मरीज न देखने पर गैर इरादतन हत्या का मामला चमनगंज एवं बर्रा थाने में दर्ज कराया। दूत के रूप में गए विशेष सचिव और महानिदेशक ने प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार से बातचीत की और कानुपर के हैलट अस्पताल की इमरजेंसी का जायजा लिया। मेडिकल छात्रों द्वारा समस्या का निदान किए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि पहले चिकित्सीय सेवाएं शुरू करें, उसके बाद कोई बातचीत होगी। पिछले तीन दिनों में इलाज के अभाव में 16 मौतों से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। उधर, काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजीडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को हड़ताल का मुद्दा बदलते हुए एम्स की मांग कर दी।

पढ़ें : हड़ताल नहीं टूटी तो होगी कार्रवाई

शासन कराएगा प्रकरण की जांच : अखिलेश

कन्नौज। कानपुर में सपा विधायक इरफान सोलंकी व जूनियर डॉक्टरों के बीच मारपीट के बाद पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल से चिंतित मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को मामले की जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी पक्ष का नाम लिए बगैर अखिलेश ने कहा कि प्रकरण में यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह सरकार के सामने अपना पक्ष रख सकता है। सरकार की प्राथमिकता मरीज का इलाज कराना है।