नई शिक्षा नीति का मसौदा अभी नहीं होगा सार्वजनिक
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि इसे राज्यों के साथ मशविरे के बाद ही जारी किया जाएगा।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 03 Jun 2016 10:34 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए बनाई गई टीएसआर सुब्रमण्यम समिति ने अपनी रिपोर्ट तो सौंप दी है, लेकिन इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि इसे राज्यों के साथ मशविरे के बाद ही जारी किया जाएगा। मसौदे के बारे में बात करने के लिए उन्होंने सुब्रमण्यम पर निशाना भी साधा।
ईरानी ने शुक्रवार को माना कि सुब्रमण्यम समिति ने नई शिक्षा नीति का मसौदा पिछले हफ्ते मंत्रालय को सौंप दिया गया है। मगर उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी करने से पहले राज्यों से विमर्श करना होगा। उन्होंने कहा कि देश भर में एक लाख से ज्यादा गांवों से ले कर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर नई शिक्षा नीति पर लोगों से राय ली गई। इसके बाद सुब्रमण्यम समिति को कहा गया कि वह इसे व्यवस्थित करे और जरूरत हो तो अपनी ओर से भी कोई बात कहे। समिति के प्रमुख टीएसआर सुब्रमण्यम इस मसौदे को सार्वजनिक नहीं किए जाने को ले कर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर मंत्रालय ने इसे सार्वजनिक नहीं किया तो वे खुद इसे जारी कर देंगे। इस बारे में पूछे जाने पर ईरानी ने कहा कि यह देश की नई शिक्षा नीति का मामला है, ना कि सुर्खियां बटोरने को बेताब एक व्यक्ति का निजी मामला। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले की तैयारी करने वाले छात्रों की मदद के लिए और उनकी कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता दूर करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जल्दी ही आइआइटी-पाल नाम की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए छात्रों को इन परीक्षाओं की तैयारी की पूरी सामग्री मुफ्त उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें पिछली परीक्षाओं के प्रश्न पत्र से ले कर आइआइटी के प्रतिष्ठित अध्यापकों के ऑडियो-वीडियो भी होंगे। उन्होंने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में परियोजनाओं की भी शुरुआत की।
बिहार में 12वीं क्लास के टॉपर छात्रों को ले कर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसके लिए पिछली सरकार के दौरान शुरू की गई आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति को भी दोषी ठहराया। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को परीक्षा व्यवस्था में सुधार को ले कर भी सजग होना होगा।खादी ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री में तेज वृद्धि