बड़ी कामयाबी: कश्मीर में दुर्दात आतंकी अबु दुजाना ढेर
कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए चार साल से सिरदर्द बना लश्कर का 15 लाख का इनामी आतंकी अबु दुजाना मारा गया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए चार साल से सिरदर्द बना लश्कर का 15 लाख का इनामी आतंकी अबु दुजाना मंगलवार को पुलवामा में एक मुठभेड़ में अपने स्थानीय साथी आरिफ ललहारी सहित मारा गया। दक्षिण कश्मीर में लश्कर का डिवीजनल कमांडर दुजाना गुलाम कश्मीर स्थित गिलगित के बाल्टिस्तान का रहने वाला था। सुरक्षाबलों ने 14 फरवरी को दुजाना का एक फोन व डायरी बरामद की थी, जिसके आधार पर उसके कुछ लड़कियों से संबंधों के अलावा कुछ फोन नंबर पता चले थे। पुलिस को पता चला था कि हकरीपोरा में उसने शादी की है। इसके बाद संदिग्ध नंबरों की निगरानी की जा रही थी। इसी से दुजाना के आने का पता चला और सुरक्षा बलों ने उसे व उसके साथी को मार गिराया।
कश्मीर के आइजीपी मुनीर अहमद खान ने दुजाना व आरिफ ललहारी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि बीती रात सुरक्षा बलों ने हकरीपोरा में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था। रातभर मुठभेड़ के बार मंगलवार सुबह पांच बजे पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के जवान घर में घुसे और दुजाना की पत्नी, उसके मां-बाप सहित छह लोगों को बाहर निकला। सुरक्षाबलों ने दुजाना की पत्नी व सास-ससुर की मदद लेकर उसे सरेंडर के लिए मनाने का प्रयास किया। स्थानीय मोलवियों की मदद भी ली गई, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद फिर मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें अंदर छिपे दोनों आतंकी मारे गए और उनका ठिकाना बना मकान भी तबाह हो गया। दुजाना और ललहारी का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है। दुजाना को अबु कासिम के मारे जाने के बाद लश्कर ने दक्षिण कश्मीर का डिवीजनल कमांडर बनाया था। वह 2013 से सक्रिय था। वहीं, पुलवामा के ललहार गांव का रहने वाला आरिफ ललहारी अगस्त 2015 में आतंकी बना था।
20 जुलाई को मुठभेड़ में गोली लगने से हुआ था घायल
दो वर्ष में नौ बार सुरक्षाबलों की घेराबंदी में बच निकलने वाला अबु दुजाना मंगलवार को मुठभेड़ में बुरी तरह फंस गया था। वह 20 जुलाई को पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में बच तो गया, लेकिन उसके पांव में गोली लग गई थी। वह उसका उपचार भी करा रहा था। मंगलवार सुबह जब उसने घेराबंदी तोड़कर भागने का प्रयास किया तो उसके जख्मों ने उसे भागने नहीं दिया।
घाटी में भड़की हिंसा में एक की मौत, 40 जख्मी
दुजाना की मौत के बाद पुलवामा समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में आतंकी समर्थकों व सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक प्रदर्शनकारी की मौत और करीब 40 लोग जख्मी हो गए। हालात को देखते हुए प्रशासन ने वादी में स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित करने के साथ इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया है। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा को भी बंद किया गया है। सुरक्षा बलों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। दुजाना और ललहारी के मारे जाने की खबर फैलते ही पुलवामा के अलावा श्रीनगर, शोपियां, हंदवाड़ा, अनंतनाग, समेत वादी के लगभग हर एक शहर और कस्बे में ङ्क्षहसक झड़पें शुरू हो गईं। इस दौरान कुछ युवकों ने पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मारपीट करते हुए उनके हथियार छीनने का प्रयास किया। इस दौरान गोली लगने से फिरदौसा नामक एक युवक की मौत हो गई।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। ग्रेनेड फेंकने में माहिर अबु दुजाना दो वर्ष में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाबलों पर हुए लगभग हर हमले में शामिल था। वह 2016 में उद्यमशीलता विकास संस्थान (ईडीआइ) परिसर में हुए दो आत्मघाती हमलों का भी सूत्रधार था।दिसंबर 2015 से दिसंबर 2016 के अंत तक दुजाना श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए लगभग एक दर्जन से ज्यादा हमलों में शामिल था। ईडीआइ परिसर पर हमले और सीआरपीएफ के काफिले पर 26 जून 2016 के हमले के अलावा वह संगम, बिजबिहाड़ा में दो सीआरपीएफ कर्मियों की हत्या व गलंदर पांपोर में पुलिस दल पर हमले में भी लिप्त था। इस हमले में राज्य सशस्त्र पुलिस बल की 11वीं वाहिनी के दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे। दुजाना ने आरिफ ललहारी के साथ मिलकर सरपंच फैयाज अहमद की हत्या की थी और काकपोरा पुलिस चौकी पर हमला किया था।
स्थानीय कैडर किया था तैयार
दक्षिण कश्मीर में अबु दुजाना की पैठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, त्राल और श्रीनगर से सटे जेवन तक में अपना नेटवर्क फैलाकर स्थानीय लड़कों को लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती किया था। उसने करीब 20 लड़कों को लश्कर का सक्रिय आतंकी बनाया। वह खुद लश्कर के जिस आठ सदस्यीय मॉड्यूल के साथ रहता था, उसमें सात अन्य स्थानीय लड़के ही थे।
आतंकी आरिफ ने लूटे थे बैंक
अबु दुजाना के साथ मंगलवार सुबह मारे गए आतंकी आरिफ अहमद डार उर्फ रेहान उर्फ आरिफ ललहारी ने सुरक्षाबलों पर हमलों की विभिन्न वारदातों में सक्रिय भूमिका निभाने और पंचायत मेंबर पर हमलों के अलावा अरिहाल, रत्नीपोरा, निहामा और वहीबुग में चार बैंक डकैतियों में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
विदेशी आतंकियों के कब्रगाह भेजा गया दुजाना का शव
पुलवामा मुठभेड़ में मारे गए आतंकी अबु दुजाना का शव दफनाने के लिए उड़ी में एलओसी पर भेजा गया है। कश्मीर में मारे जाने वाले विदेशी आतंकियों के शव उड़ी में ही दफनाए जाते हैं। वहीं आतंकी आरिफ ललहारी का शव उसके पैतृक गांव ललहार (पुलवामा) में दफना दिया गया। इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी।
इस साल मारे गए 120 आतंकी
लश्कर आतंकी अबु दुजाना और आरिफ ललहारी के मारे जाने के साथ ही कश्मीर में इस साल अब तक मारे गए आतंकियों की संख्या 120 हो गई है। इनमें करीब 65 विदेशी आतंकी हैं।
मोस्ट वांटेड बारह आतंकियों में बचे सिर्फ नौ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अबु दुजाना के मारे जाने के साथ ही सुरक्षाबलों की ओर से तैयार कश्मीर में सक्रिय मोस्ट वांटेड 12 आतंकियों की सूची में शामिल अब सिर्फ नौ आतंकी ही रह गए हैं। अलबत्ता, वादी में इन नौ आतंकियों समेत करीब 220 से 250 देशी-विदेशी आतंकी सक्रिय हैं।
दुजाना के मारे जाने से करीब एक माह पहले दक्षिण कश्मीर के ब्रिंठी (अनंतनाग) में सुरक्षाबलों ने बशीर लश्करी को उसके एक साथी संग मार गिराया था। लश्करी भी मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल था और उसे जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर 12 लाख का इनाम था। लश्करी ने ही जून माह के दौरान थाजीवारा (अनंतनाग) में अच्छाबल के थाना प्रभारी फिरोज अहमद समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। इससे पहले मोस्ट वांटेड 12 आतंकियों की सूची में कुलगाम जिले का रहने वाला जुनैद मट्टू उर्फ जुनैद कांदरू 16 जून को मारा गया था।जुनैद, लश्करी और दुजाना के अलावा जो नामी आतंकी गत दो माह में मारे गए हैं, उनमें बुरहान का साथी सब्जार अहमद बट भी शामिल है। वह 27 मई को अपने एक अन्य साथी संग सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था। इस साल अब तक सुरक्षाबलों ने पूरी वादी में करीब 120 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से लगभग 65 विदेशी आतंकी हैं।