नाइजीरिया में भारतीय डॉक्टरों को बनाया बंधक
दुनियाभर में इबोला नामक जानलेवा बीमारी से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं नाइजीरिया में भारतीय डॉक्टर बलि का बकरा बन रहे हैं। उनसे बिना सुरक्षा किट मरीजों का इलाज करवाया जा रहा है। ऐसे में उनकी जान पर बन आई है। वे भारत न लौट सकें, इसलिए अस्पताल प्रशासन ने उनके पासपोर्ट भी छीन लिए हैं। नाइजीरिया क
By Edited By: Updated: Tue, 12 Aug 2014 09:27 PM (IST)
नई दिल्ली/अबुजा। दुनियाभर में इबोला नामक जानलेवा बीमारी से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं नाइजीरिया में भारतीय डॉक्टर बलि का बकरा बन रहे हैं। उनसे बिना सुरक्षा किट मरीजों का इलाज करवाया जा रहा है। ऐसे में उनकी जान पर बन आई है। वे भारत न लौट सकें, इसलिए अस्पताल प्रशासन ने उनके पासपोर्ट भी छीन लिए हैं।
नाइजीरिया के अबुजा में फंसे दिल्ली के ऐसे ही चार डॉक्टर योगेश चंद्रा, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ.हेमंत जिंगर और डॉ.कपिल चौहान ने मंगलवार को व्हाट्स ऐप और ई-मेल के जरिए वीडियो भेजकर अपनी दास्तान भारतीयों को बताई। जान को खतरा उनका कहना है कि नाइजीरिया में हमारी जान को खतरा है। इबोला यहां तेजी से फैल रहा है। इबोला के संक्रमण के बीच हमसे जबरन मरीजों का इलाज कराया जा रहा है। उनकी पहले जांच भी नहीं होती कि उनमें इबोला वायरस है या नहीं। हमारा पासपोर्ट भी नहीं दिया जा रहा। हमें जल्द भारत बुलाएं।
भारतीय डॉक्टरों ने कहा कि यहां हमारे साथ बदसलूकी भी की जा रही है। अस्पताल प्रबंधन ने साफ कहा है कि यदि तुम्हें पासपोर्ट मिल भी गए, तो हम तुम्हें नाइजीरिया से नहीं जाने देंगे। भारतीय डॉक्टर काफी डरे और सहमे हुए हैं। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि वह उन्हें आजाद करवाए। ये सभी अबुजा के प्राइमस इंटरनेशनल सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस अस्पताल से छह माह का करार कर इस साल वे नाइजीरिया गए थे। चिंतित परिजनों ने लगाई गुहार
सर्जन डॉ. दिनेश की पत्नी डॉ. स्मिता ने बताया कि जिस अस्पताल में उनके पति हैं, वहां लागोस से मरीज आ रहे हैं। उनकी जांच नहीं की जा रही है। लागोस में इबोला फैल चुका है। अस्पताल में वह कैदी की तरह हैं। वहीं, डॉक्टर योगेश के ससुर डॉ. सतीश गुप्ता और डॉ. कपिल के पिता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हमने अस्पताल प्रशासन से उन्हें बुलाने की गुहार लगाई, लेकिन वहां से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। नाइजीरिया से आए व्यक्ति की जांच नकारात्मक नाइजीरिया से आने वाले एक व्यक्ति की इबोला संबंधी वायरस जांच नकारात्मक रही। इबोला के लक्षण देखने के लिए इस शख्स को आगमन के बाद दो दिनों तक इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक अलग जगह पर रखा गया और राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हषर्वर्धन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नाइजीरिया से आए व्यक्ति में ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण का प्रत्यक्ष लक्षण देखने को मिला। उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया और इबोला वायरस बीमारी की जांच की गई। यह जांच नकारात्मक रही। इसका मतलब है कि उसे इबोला नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि भारत में अब तक वायरस की मौजूदगी के मामले की पुष्टि नहीं हुई है। पश्चिम अफ्रीका में कहर जारी, मृतक संख्या 1000 पार पश्चिम अफ्रीकी देशों में इबोला का कहर जारी है। इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 1000 को भी पार कर चुका है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इबोला की चपेट में आने से अब तक 1013 लोगों की जान जा चुकी हैं, जबकि 1848 लोग इसकी चपेट में हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गिनी, लाइबेरिया और सीएरा लियोन में महज तीन दिन में 52 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान गिनी ने छह अन्य मौत दर्ज की गई हैं और 11 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं लाइबेरिया में 29 अन्य लोगों की मौत समेत इबोला संक्रमण के 45 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा सीएरा लियोन में 17 अन्य लोगों की मौत हो गई और 13 नए मामले सामने आए हैं। पढ़ें : इबोला से लड़ने की दवा लाइबेरिया को देगा अमेरिका पढ़ें : इबोला की निगरानी के लिए भारत में कंट्रोल रूम स्थापित