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आचार संहिता से पहले हुआ वाड्रा पर फैसला

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन विवाद को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) और मुख्य सचिव को इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने जमीन सौदे में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस पर हरियाणा सरकार ने आयोग को अपना जवाब भेज दिया है। इसमें बताया गया है कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे को मंजूरी 16 जुलाई 2014 को प्रदान की गई। 12 सितंबर से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। राज्य के सीईओ श्रीकांत वालगद के अनुसार 'मुख्य सचिव की रिपोर्ट हमने चुनाव आयोग को भेज दी है। रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है। उस पर कोई जानकारी नहीं दे सकता हूं।' कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि आचार संहिता लागू होने से लगभग दो महीने पहले ही जमीन का म्युटेशन (दाखिल खारिज) हो चुका था। पार्टी ने प्रधानमंत्री पर गलतबयानी का आरोप भी लगाया है।

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Wed, 08 Oct 2014 01:33 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन विवाद को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) और मुख्य सचिव को इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने जमीन सौदे में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इस पर हरियाणा सरकार ने आयोग को अपना जवाब भेज दिया है। इसमें बताया गया है कि वाड्रा-डीएलएफ सौदे को मंजूरी 16 जुलाई 2014 को प्रदान की गई। 12 सितंबर से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। राज्य के सीईओ श्रीकांत वालगद के अनुसार 'मुख्य सचिव की रिपोर्ट हमने चुनाव आयोग को भेज दी है। रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज है। उस पर कोई जानकारी नहीं दे सकता हूं।' कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि आचार संहिता लागू होने से लगभग दो महीने पहले ही जमीन का म्युटेशन (दाखिल खारिज) हो चुका था। पार्टी ने प्रधानमंत्री पर गलतबयानी का आरोप भी लगाया है।

आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने भी हरियाणा से रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। उनका कहना है, 'हम रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं। हम देखेंगे कि राज्य सरकार ने आचार संहिता लागू होने के बाद फैसला लिया है या उससे पूर्व। उसी आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।' इससे पूर्व केंद्रीय चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) और मुख्य सचिव को इस मामले की तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। इन्हें चौबीस घंटे के अंदर ही यह बताने को कहा गया था कि क्या इस मामले में आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। आयोग का कहना था कि वह राज्य से रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद इस मामले में कार्रवाई पर विचार करेगा। अब चूंकि हरियाणा से रिपोर्ट आ गई है इसलिए देखना है कि आयोग क्या कदम उठा रहा है। राज्य में 12 सितंबर को चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। राज्य के सीईओ को मुख्य रूप से इस बात की जांच करनी थी कि क्या सौदे का मंजूरी का यह फैसला इसके बाद लिया गया है। आयोग का कहना है कि अगर यह मंजूरी उससे पहले की होगी तो वह इस संबंध में कुछ भी नहीं कर पाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा में एक रैली के दौरान आरोप लगाया था कि हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने अपनी सत्ता जाती देख कर वाड्रा और डीएलएफ के विवादास्पद सौदे को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को पता है कि सरकार जाने वाली है ऐसे में उपर से डंडा चला है कि 'दामाद जी' का काम कर दिया जाए। मोदी ने चुनाव आयोग से भी इस मामले का संज्ञान लेने के लिए कहा था। ध्यान रहे कि इससे पहले यह आरोप लगते रहे थे कि वाड्रा की फायदा पहुंचाने के लिए हरियाणा में जमीन का बड़ा हिस्सा बहुत ही कम कीमत पर दे दिया था और बाद में उसकी लैंड यूज पालिसी बदल दी गई थी। इस मामले में डीएलएफ के साथ मिलकर कुछ ही महीनों में वाड्रा की संपत्ति करोड़ों रुपये हो गई थी। हरियाणा के तत्कालीन अधिकारी अशोक खेमका ने ही यह आरोप लगाया था।

उधर, मोदी के हमले से तिलमिलाई कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर गलतबयानी का आरोप लगा दिया है। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं।' अहमद ने इस मुद्दे पर पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री होने के नाते मोदी को इस मामले से इतना अंजान नहीं होना चाहिए। मोदी ने इस मामले पर गलत बयानी कर न सिर्फ हरियाणा की जनता बल्कि चुनाव आयोग को भी बरगलाने की कोशिश की है।' अहमद ने कहा कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान कैसे ले सकता है, संबधित जमीन का म्युटेशन 16 जुलाई को ही हो गया था। जबकि हरियाणा में चुनाव आचार संहिता 12 सितंबर से लागू हुई है। राज्य के भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में धुआंधार प्रचार कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले पर कांग्रेस को जम कर निशाना बनाया है।

किसने-क्या, कहा:

'हम इसे गांधी परिवार को दिए विदाई तोहफे के रूप में देख रहे हैं जिसे हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने चुनावों में हार से पूर्व भेंट किया है।

-संबित पात्रा, भाजपा प्रवक्ता

'मोदी आदतन झूठे हैं। वाड्रा के जमीन सौदे को आचार संहिता के उल्लंघन से जोड़कर वह हरियाणा के लोगों और चुनाव आयोग को बरगला रहे हैं।'

-शकील अहमद, कांग्रेस महासचिव

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