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सब्सिडी पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत

रेलवे और राज्य परिवहन निगम जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। उसका कहना है कि अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में सब्सिडी पर व्यावहारिक रवैया अपनाना होगा। जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने स

By Edited By: Updated: Mon, 16 Sep 2013 11:30 PM (IST)

नई दिल्ली। रेलवे और राज्य परिवहन निगम जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। उसका कहना है कि अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में सब्सिडी पर व्यावहारिक रवैया अपनाना होगा।

जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को कहा, 'हमें अपनी सोच बदलनी होगी। आप सब्सिडी पर निर्भर नहीं रह सकते। इसके लिए आपको दूसरे तरीके अपनाने होंगे। आप लोगों से चार्ज वसूलें। हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते कि तेल आयात होता है। ऐसे में रूढि़वादी सोच बदलनी होगी।' कोर्ट ने डीजल कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने की केंद्र की नीति के अमल पर मद्रास और केरल हाई कोर्ट से लगे रोक को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट के फैसले को इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने चुनौती दी थी। पीठ ने माना कि 83 फीसद तेल आयात होता है और इस पर सब्सिडी से सरकारी तेल कंपनियां प्रभावित होंगी। ऐसे में परिवहन निगमों को परिचालन लागत कम करने के साथ लोगों से पैसे वसूलना चाहिए। हमें यह भी देखना चाहिए कि रुपये की कीमत गिरती जा रही है और इससे चालू खाता घाटा पर असर पड़ रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को बचाए रखने की चुनौती है। इस साल जनवरी में सरकार ने रेलवे, मॉल, मोबाइल टावर सहित तमाम थोक ग्राहकों को बाजार कीमत पर डीजल देने का फैसला किया था।

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