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भाजपा नेताओं को पीएम मोदी की नसीहत, एजेंडे से न भटकें

भाजपा नेताओं की बेवजह बयानबाजी से क्षुब्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं को सख्त संदेश दिया है कि वे केवल भाजपा के एजेंडे पर चलें। वह एजेंडा है विकास का। रविवार को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन भाषण में मोदी ने कहा कि बदलाव आ रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Sun, 20 Mar 2016 10:04 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा नेताओं की बेवजह बयानबाजी से क्षुब्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं को सख्त संदेश दिया है कि वे केवल भाजपा के एजेंडे पर चलें। वह एजेंडा है विकास का। रविवार को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन भाषण में मोदी ने कहा कि बदलाव आ रहा है। हमें एक ही मूलमंत्र लेकर आगे चलना है-विकास, विकास और विकास। यही हमारे देश की सभी समस्याओं का समाधान है। इसी दिशा में हम काम कर रहे हैं और विकास का भी चक्का तेजी से चल रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा से जोडऩे का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में पार्टी का बहुत विस्तार हुआ है। अब मानसिक स्तर पर भी उनका विकास जरूरी है, ताकि वह पूरी तरह पार्टी को समझें और वैसा ही आचरण भी करें। एक दिन पहले ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी परोक्ष रूप से इसका संकेत दिया था कि कुछ कार्यकर्ता विपक्ष की दलीलों से प्रभावित हो जाते हैं। इसी क्रम में उन्होंने अगले एक साल में पांच लाख कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की बात कही थी।

पिछली कार्यकारिणी की तरह ही मोदी ने फिर से महात्मा गांधी की याद दिलाई और कहा कि छोटी-छोटी चीजों से भी लोगों को जोड़ा जा सकता है। गांधीजी ने ऐसे ही लोगों को जोड़ते हुए उन्हें आजादी के संग्राम में खड़ा कर दिया था।

विपक्ष के बहकावे में न आएं

समापन भाषण में प्रधानमंत्री का फोकस संगठन और कार्यकर्ताओं पर था। लगभग एक घंटे के भाषण में वह इस बात से क्षुब्ध दिखे कि कुछ नेता विपक्ष के बहकावे में आकर चर्चा की पूरी दिशा बदल देते हैैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के पास एक करोड़ रुपये न हो वह भी किसी दूसरे के नाम पर एक करोड़ इनाम की घोषणा कर देता है। फिर बहस विकास से हटकर उन्हीं मुद्दों पर शुरू हो जाती है। कुछ दिन पहले ही भाजपा के एक नेता ने एक भारत माता की जय न कहने पर एक मुस्लिम नेता पर इनाम की घोषणा कर दी थी। मोदी ने कहा कि सरकार ने पिछले 22 महीनों में बहुत सारे काम किए हैैं। उन्हें जनता तक पहुंचाने के बजाय व्यर्थ की बहस में फंसकर हम खुद ही विपक्ष की मंशा पूरी करते हैैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। मोदी ने कार्यकर्ताओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के अलावा संगठन को विभिन्न योजनाओं के लाभान्वितों तक पहुंचने की सलाह भी दी।

यह भी कहा मोदी ने

-संगठन को वटवृक्ष की तरह होना चाहिए, जिसका विस्तार भी हो और जड़ें भी गहरी हों।
-नेताओं को उन गांवों तक पहुंचना चाहिए जहां पिछले दो वर्षों में बिजली पहुंची। ग्रामीणों के साथ ऊर्जा उत्सव मनाना चाहिए।
-इस बार का बजट शानदार रहा। बजट में शामिल छोटी-छोटी बातों को भी जन-जन तक पहुंचाएं।
-मसलन, छोटी दुकानें भी हफ्ते में सातों दिन खुली रह सकेंगी। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
-22 महीनों के हमारे कार्यकाल में सरकार पर आर्थिक भ्रष्टाचार ही नहीं, बल्कि कोई राजनीतिक आरोप भी नहीं लगा।

पढ़ेंः भाजपा के चार स्तंभ: नेतृत्व, सुशासन, विकास और राष्ट्रवाद

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