प्रदेश के तीस शहरों में एक हजार करोड़ का बिजली बिल घोटाला
प्रदेश के बिजली विभाग को डोर टू डोर बिलिंग मशीन के ठेकेदार ने करीब एक हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है। ठेकेदार के मीटर रीडरों ने उपभोक्ताओं से चैक की बजाए नगद भुगतान लेकर उनके खातों में फर्जी चैक नंबर डालकर बिल जमा दिखा दिए और भुगतान खा गए। बुलंदशहर में मामला पकड़ में आने के बाद अब तक प्रदेश
बुलंदशहर। प्रदेश के बिजली विभाग को डोर टू डोर बिलिंग मशीन के ठेकेदार ने करीब एक हजार करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है। ठेकेदार के मीटर रीडरों ने उपभोक्ताओं से चैक की बजाए नगद भुगतान लेकर उनके खातों में फर्जी चैक नंबर डालकर बिल जमा दिखा दिए और भुगतान खा गए। बुलंदशहर में मामला पकड़ में आने के बाद अब तक प्रदेश के 30 छोटे बड़े उन शहरों में इस घोटाले का खुलासा हुआ है। जहां जहां एससीएल नामक कंपनी के पास डोर टू डोर बिलिंग का ठेका है। इनमें बुलंदशहर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, इलाहाबाद, अलीगढ़, आगरा, कानपुर आदि शहर शामिल हैं।
दरअसल बिजली विभाग ने दो साल पहले डोर टू डोर बिलिंग सेवा शुरु की थी। इसका सेवा के लिए नोएडा की एससीएल नामक कंपनी को प्रदेश भर का ठेका दिया गया था। कंपनी ने बिजली विभाग को मीटर रीडर उपलब्ध कराए थे। उन्हीं मीटर रीडरों को विभाग से बिलिंग मशीन आवंटित की गई थी। इस बिलिंग मशीन में डोर टू डोर चैक भुगतान का आप्शन है। इसी आप्शन का लाभ उठाकर मीटर रीडरों ने उपभोक्ताओं से नगद भुगतान लेकर उनके खातों में आनलाइन फर्जी चैक नंबर दर्शाकर बिल जमा दिखा दिए और उपभोक्ताओं को मशीन से निकालकर रसीद भी दे दी और पैसा अपनी जेब में रख लिया। पिछले एक साल से चल रहा यह घोटाला सबसे पहले बुलंदशहर के अधीक्षण अभियंता विजय कुमार की पकड़ में आया।