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देश के तोड़ने वालों के खिलाफ सामाजिक प्रक्रिया होनी जरूरी: डोभाल

अजित डोभाल ने पूर्व में हुए जेएनयू विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान के खिलाफ सामाजिक प्रक्रिया होनी जरूरी है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 31 May 2016 08:02 PM (IST)
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पुणे (एएनआई)। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा हैै कि आज पूरा विश्व भारत की ओर बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में डोभाल ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी चीज को पाने और करने के लिए इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। यदि इसको ही एक राष्ट्र के परिपेक्ष्य में रखकर देखा जाए तो राष्ट्रशक्ति की जरूरत होती है। पिछले दिनों जेएनयू में लगाए गए विवादित नारों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति देश के लिए कुछ नहीं करता और कहता है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह, ऐसे समय मूक बने रहना देश को बर्बाद करने जैसे है।

जब कुछ लोग देश के टुकड़े होने की बात करते हैं तो उसकी इन बातों पर उसके खिलाफ सामाजिक प्रक्रिया होनी जरूरी होती है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर भी यदि हमारा समाज मूक बना रहेगा तो राष्ट्र नहीं बच सकता है।भारतीय एनएसए ने कहा कि मौजूदा समय में भारत न सिर्फ 125 करोड़ लोगों का पेट भरने में समर्थ है बल्कि आज वह खाद्यान्न को एक्सपोर्ट कर दूसरे मुल्क के लोगों का भी पेट भर रहा है।

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