आतंकियों से संबंध रखने वालों पर चले देशद्रोह का केसः शिवसेना
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के खुलासे के बाद शिवसेना ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है।
नई दिल्ली। इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के खुलासे के बाद शिवसेना ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आतंकियों से सहानुभूति रखने वालों पर भी देशद्रोह का केस चलना चाहिए। उन्होंने इशरत जहां मामले का हवाला देते हुए तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम से भी तीखे सवाल किए। उन्होंने पूछा कि तत्कालीन गृह मंत्री क्या इशरत जहां की आड़ में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी पर निशान साधना चाहते थे?
गौरतलब है कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा था कि सप्रंग सरकार में गृहमंत्री रहे पी चिदंबरम के पास हलफनामें में बदलाव करने का अधिकार था और उन्होंने उस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए हलफनामें में बदलाव किया। पिल्लई ने आरोप लगाया था कि इशरत जहां मामले में दायर किया गया दूसरा हलफनामा राजनीति से प्रेरित था। वहीं इससे पहले पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इशरत जहां मामले में दूसरे हलफनामे का समर्थन करते हुए कहा कि दूसरा हलफनामा इसलिए दायर किया गया क्योंकि पहला हलफनामा अस्पष्ट था।
क्या है पूरा मामला?
सप्रंग सरकार में गृह सचिव रहे जी के पिल्लई ने शुक्रवार को दावा किया था कि पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में दायर किए गए हलफनामे की फाइल एक महीने बाद वापस मंगाई थी। पिल्लई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में दायर पहले हलफनामे में इशरत जहां और उसके बाकी साथियों को लश्कर ए तैयबा का आतंकी बताया गया था।
पिल्लई के मुताबिक पूर्व गृहमंत्री ने दूसरे हलफनामे में संशोधन के बाद उनके पास भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि मुठभेड में मारे गए चारो लोग आतंकी है या नहीं इस बारे में कोई निर्णायक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
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