फेसबुक ने भारत में बंद किया फ्री बेसिक्स
फेसबुक ने भारत में अपना विवादास्पद कार्यक्रम 'फ्री बेसिक्स' को बंद करने का फैसला किया है। नेट न्यट्रलिटी के समर्थकों के लिए यह बड़ी जीत है।
नई दिल्ली । फेसबुक ने भारत में अपना विवादास्पद कार्यक्रम 'फ्री बेसिक्स' को बंद करने का फैसला किया है। नेट न्यट्रलिटी के समर्थकों के लिए यह बड़ी जीत है। फेसबुक का यह फैसला टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई के कंटेंट आधारित इंटरनेट एक्सेस के लिए ऑपरेटरों द्वारा भिन्न दरें लेने पर रोक लगाने के बाद आया है। इस बीच फेसबुक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत विरोधी टिप्पणी कर नए विवाद को जन्म दिया। हालांकि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने इस टिप्पणी को लेकर अफसोस जताया है।
फेसबुक के प्रवक्ता ने एक ईमेल में बताया कि फ्री बेसिक्स अब भारत में उपलब्ध नहीं है। फ्री बेसिक्स को लेकर फेसबुक की काफी आलोचना हो रही थी। इस कार्यक्रम से टेलीकॉम ऑपरेटरों की साझेदारी से लोगों को बुनियादी इंटरनेट एक्सेस दी जा रही थी। आलोचकों ने इसे नेट न्यूट्रलिटी के सिद्धांत का उल्लंघन बताया। उनका मानना है कि हर किसी को समान शर्तों पर संपूर्ण इंटरनेट सुविधा मिलनी चाहिए। जबकि फ्री बेसिक्स चुने हुए वेबसाइटों पर एक्सेस के अनुमति देता है।
भारत में यह सेवा रिलायंस कम्यूनिकेशंस के माध्यम से उपलब्ध थी। दिसंबर में ट्राई के निर्देश के बाद यह रोक दी गई थी। पिछले दिनों ट्राई ने नेट न्यूट्रलिटी के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद भारत में फेसबुक के फ्री बेसिक्स और एयरटेल के जीरो रेटिंग पर विराम लग गया।
इस बीच फेसबुक प्रमुख जुकरबर्ग ने फेसबुक बोर्ड के सदस्य मार्क एंड्रीसेन की भारत संबंधी विवादास्पद टिप्पणी को काफी परेशान करने वाला बताया है। जुकरबर्ग ने इस टिप्पणी से खुद को अलग किया है और कहा कि यह कंपनी की सोच को प्रकट नहीं करता। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'भारत निजी तौर पर मेरे और फेसबुक के लिए अहम रहा है। जब मैंने अपने मिशन पर सोचना शुरू किया, मैंने भारत की यात्रा की। मैं वहां के लोगों की मानवीयता, स्वभाव और मूल्यों से प्रभावित हुआ।'
गौरतलब है कि एंड्रीसेन ने बुधवार को ट्राई के फैसले को उपनिवेशवादी विरोधी विचार बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत ब्रिटिश शासन के अधीन ही रहता तो अच्छा होता। बाद में एंड्रीसेन ने अपने इस ट्वीट को हटा लिया था और कई ट्वीट के जरिये इसके लिए माफी मांगी।