पेंट्रीकार नहीं, फिर भी ट्रेनों में मिलेगा मनपसंद खाना
बिना पेंट्रीकार चलने वाली ट्रेनों के यात्रियों को अब भूखे पेट सफर की आवश्यकता नहीं है। ट्रेनों में भोजन परोसा जा सके इसके लिए ई- कैटरिंग की सुविधा शुरू हो रही है। आईआरसीटीसी की इस सुविधा के तहत यात्री एसएमएस या कॉल कर अपने बर्थ पर ही मनपसंद भोजन मंगा
बिलासपुर(निप्र)। बिना पेंट्रीकार चलने वाली ट्रेनों के यात्रियों को अब भूखे पेट सफर की आवश्यकता नहीं है। ट्रेनों में भोजन परोसा जा सके इसके लिए ई- कैटरिंग की सुविधा शुरू हो रही है। आईआरसीटीसी की इस सुविधा के तहत यात्री एसएमएस या कॉल कर अपने बर्थ पर ही मनपसंद भोजन मंगा सकेंगे। इसके लिए उन्हें दो घंटे पहले आर्डर देना होगा। कई ट्रेनों से पेंट्रीकार हटा दिए गए तो कुछ में अब तक पेंट्रीकार ही नहीं लग पाए हैं।
बिना पेंट्रीकार चलने वाली ट्रेनों की लंबी सूची दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में भी है। यहां से गुजरने वाली आधा दर्जन ट्रेनों में पेंट्रीकार नहीं लग पाया है, जबकि नियम के अनुसार जिन ट्रेनों की यात्रा 24 घंटे से अधिक है उनमें अनिवार्य रूप से पेंट्रीकार की व्यवस्था होनी चाहिए। यह असुविधा यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी है। मनपसंद खाना नहीं मिलने से यात्रियों को भूखे पेट ही यात्रा पूरी करनी पड़ रही है, जबकि जिन ट्रेनों में पेंट्रीकार है उसमें कम से कम यात्री पेंट्रीकार कर्मचारी को मनपसंद खाने का आर्डर दे देते हैं। यह बड़ी समस्या है, लेकिन इसे दूर करने के लिए मंडल, जोन या रेलवे बोर्ड स्तर पर कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई गई। जोन की कई ट्रेनें बिना पेंट्रीकार सालों से संचालित हो रही है, जबकि इसमें सफर करने वाले यात्री हमेशा ट्रेन में पेंट्रीकार की मांग करते हैं। मौखिक मांग के अलावा जनशिकायत सेल यहां तक ट्रेन में टीटीई के पास भी यात्रियों की शिकायतें दर्ज है।
सालों बाद ही सही अब जाकर रेलवे बोर्ड स्तर पर बिना पेंट्रीकार चलने वाली ट्रेनों के यात्रियों की सुध ली गई और उसमें ई- कैटरिंग सुविधा शुरू करने की योजना बनाई गई है। आईआरसीटीसी की यह योजना बिना पेंट्रीकार की ट्रेनों के लिए ही है। पर आगामी दिनों में बेहतर रिस्पांस व आवश्यतानुसार दूसरी ट्रेनों में यह सुविधा मिलने लगेगी।
इनमें पेंट्रीकार की सुविधा नहीं
* बिलासपुर- एर्नाकुलम- बिलासपुर एक्सप्रेस
* कोरबा- यशवंतपुर - कोरबा वेनगंगा एक्सप्रेस
* दुर्ग- जयपुर एक्सप्रेस
* कोरबा- विशाखापट्टनम - कोरबा लिंक एक्सप्रेस
* बिलासपुर- तिरुपति - बिलासपुर एक्सप्रेस
* बिलासपुर- पुणे- बिलासपुर एक्सप्रेस
* दुर्ग- छपरा- दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस
* दुर्ग- कानपुर - दुर्ग बेतवा एक्सप्रेस
* बिलासपुर- पटना - बिलासपुर एक्सप्रेस
* दुर्ग- गोरखपुर- दुर्ग नवतनवा एक्सप्रेस
* दुर्ग- भोपाल- दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस
* शालीमार- एलटीटी एक्सप्रेस
* बिलासपुर- इंदौर- बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस
अवैध तरीके से खाना परोसने वालों पर शिकंजा
बिना पेंट्रीकार चलने वाली ट्रेनों पर उन लोगों की घुसपैठ है जो बिना किसी लाइसेंस ट्रेन में चढ़कर यात्रियों से खाने का आर्डर ले लेते हैं और किसी भी स्टॉल से खाना खरीदकर अगले स्टेशन में उन्हें उपलब्ध करा देते हैं। इसकी आड़ में ऐसे लोग घटिया क्वालिटी का खाना बिना किसी मापदंड के यात्रियों को देते हैं। उसमें इस बात की भी गारंटी नहीं रहती है, कि यदि इस भोजन को खाने से यात्रियों को कुछ होता है, तो जिम्मेदार कौन होगा। क्वालिटी की लेंगे जानकारी इस नई सुविधा के तहत बिलासपुर रेल मंडल स्तर पर एक सर्वे करने का निर्णय लिया गया है। सर्वे के दौरान मंडल यात्रियों से पूछेगा कि आखिर उन्हें किसी क्वालिटी का खाना चाहिए, आपके हिसाब से रेट कैसी होनी चाहिए आदि शामिल होंगे। सर्वे जल्द ही शुरू होगा। आईआरसीटीसी की ई- कैटरिंग सुविधा से उन यात्रियों काफी सहुलियत मिलेगी जो बिना पेंट्रीकार वाली ट्रेन में सफर कर रहे हैं। यह बेहतर सुविधा है इसे और अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए रेल मंडल स्तर पर एक सर्वे किया जाएगा। इसमें यात्रियों से पूछा जाएगा कि उन्हें किस तरह का खाना पसंद है। -रविश कुमार सिंह, डीसीएम को-आर्डिनेशन बिलासपुर रेल मंडल
[साभार: नई दुनिया]