कश्मीर में कभी शांति नहीं देखना चाहते पाकिस्तान और उनके समर्थित आतंकी संगठन
केंद्र सरकार ने जो मुहिम कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ और शांति के लिए चलाई है उससे आंतंकियों में बौखलाहट है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। श्रीनगर एयरपोर्ट के समीप स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कैंप पर मंगलवार सुबह हुए आतंकी हमले के बाद जवानों के साथ जारी मुठभेड़ खत्म हो गई है। इस संबंध में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कश्मीर के IG मुनीर खान ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब तक पड़ोसी पाकिस्तान जैसा देश होगा ऐसे हमले होते रहेंगे। हालांकि इस हमले में एक जवान के भी शहीद होने की खबर है। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है।
पहले भी हुए हैं इस तरह के हमले
यह पहला मौका नहीं है कि जब आतंकियों ने सेना के कैंप पर इस तरह के हमले को अंजाम दिया हो। इसी वर्ष मार्च और अगस्त में भी आतंकियों ने इसी तरह के हमले को अंजाम दिया था। वहीं बीते माह की 18 तारीख को ही उड़ी हमले की बरसी भी थी। इस आतंकी हमले में सेना के करीब 17 जवान शहीद हो गए थे। रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा मानते हैं जब भी भारत की तरफ से कश्मीर में हालात सामान्य करने की दिशा में सफल प्रयास किया जाता है तभी पाकिस्तान समर्थित ये आतंकी गुट इस तरह के हमले को अंजाम देकर माहौल को खराब करने का काम करते हैं।
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रंग ला रही है सरकार की मुहिम
Jagran.Com से बात करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार ने जिस तरह की मुहिम कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ और शांति के लिए चलाई है उसका बड़ा सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिला है। इससे ही आंतंकियों में बौखलाहट भी आई है। उनका यह भी कहना है कि पाकिस्तान जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है और जिस तरह से पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा में गलत फोटो दिखाने पर उसकी फजीहत हुई है, उसी नाकामी को छिपाने और ध्यान भटकाने के लिए भी इस हमले को अंजाम दिया गया है।
शांति के लिए सरकार कर रही प्रयास
आगा ने इस विशेष बातचीत में बताया कि इस पंद्रह अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संदेश कश्मीर के लिए दिया था वह काबिले तारीफ था और वादी में माहौल बदल भी रहा था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्य का कई बार दौरा किया। इस दौरान सरकार की तरफ से अथक प्रयास किए गए और दूसरी तरफ सेना ने भी जबरदस्त तरीके से काम किया। लेकिन आतंकियों को कश्मीर में शांत माहौल कभी पसंद नहीं आया है। इस दौरान कट्टरपंथियों के भी आतंकी गुटों से संबंध सामने आए और उन पर भी शिकंजा कसा है। यह तमाम चीजें पाकिस्तान और उनके खिलाफ जा रही हैं। ऐसे में ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के हमले को अंजाम दिया गया।
आज भी याद है उड़ी हमला
आर्मी कैंप पर हमले की बात करें तो पिछले वर्ष इस तरह के करीब आठ हमलों को आतंकियों ने अंजाम दिया था। इसमें उड़ी हमले को आज तक कोई नहीं भूला है। लेकिन आतंकी इस तरह का हमला करने में कैसे कामयाब हो जाते हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या इस तरह के हमलों के लिए सुरक्षा में ढील एक वजह होती है। इन सभी सवालों का जवाब देते हुए कमर आगा ने कहा कि आतंकी हमलों को रोकपाना बेहद मुश्किल होता है। इसकी वजह यह होती है कि आतंकी को पता होता है कि उसको मरना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारकर मरना है। यही वजह है कि इस तरह के हमलों को रोकपाना थोड़ा मुश्किल होता है।
गौरतलब है कि मंगलवार यह हमला तड़के आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर एयरपोर्ट के पास बीएसएफ की 182वीं बटालियन के कैंप पर हमला किया था। पहले इसको फिदायीन हमला माना जा रहा था। जानकारी के मुताबिक हमला करीब सुबह 4.30 बजे हुआ था।
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