Move to Jagran APP

दक्षिण कोरिया की हवा में मिला रेडियोएक्टिव तत्व, कोरियाई प्रायद्वीप की ओर बढ़ रहा 'रोनाल्ड रेगन'

अमेरिका का युद्धपोत रोनाल्डं रीगन कोरियाई प्रायद्वीप की तरफ बढ़ रहा है। लिहाजा उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच टकराव का खतरा लगातार बढ़ता दिखाई दे रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 10 Sep 2017 04:56 PM (IST)
दक्षिण कोरिया की हवा में मिला रेडियोएक्टिव तत्व, कोरियाई प्रायद्वीप की ओर बढ़ रहा 'रोनाल्ड रेगन'

नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। उत्तर कोरिया के स्थापना दिवस पर फिलहाल कोई परमाणु परीक्षण न होने से दुनिया ने कुछ राहत की सांस जरूर ली है। लेकिन अभी खतरा पूरी तरह से टल गया है यह कहपाना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया की हवा में रेडियोएक्टिव तत्व जीनोन-133 की मौजूदगी का पता चला है। लेकिन इसकी जितनी मात्रा है उसका जनसामान्य पर कोई असर होने की आशंका नहीं है। माना जा रहा है कि इसकी वजह पिछले दिनों उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण हो सकती है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि परीक्षण के बाद अमेरिका ने इस तरह का कोई परीक्षण होने पर संदेह जाहिर किया था और दक्षिण कोरिया ने भी उस वक्त हवा में किसी तरह के रेडियो‍एक्टिव तत्वे के ना होने की बात कही थी।

कोरियाई प्रायद्वीप की ओर बढ़ रहा 'रोनाल्ड रीगन' 

इस बीच जापान में लंगर डाले अमेरिकी नौसेना के परमाणु हथियारों से लैस विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन ने प्रशांत महासागर का अपना सफर शुरू कर दिया है। यह अब कोरियाई प्रायद्वीप की ओर बढ़ रहा है। इलाके में उसी की तरह उच्च क्षमता का अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस कार्ल विंसन पहले से ही मौजूद है। उत्तर कोरिया के नजदीक बढ़ रहा अमेरिकी युद्धपोतों का जमावड़ा क्षेत्र में कुछ बड़ा होने के संकेत पैदा कर रहा है।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में मिसाइल प्रोग्राम के जनक ने उत्तर कोरिया को लेकर दिया ये सनसनीखेज बयान 


स्थापना दिवस पर परीक्षण का खतरा

दरअसल, दक्षिण कोरिया समेत अमेरिका को भी इस बात की आशंका थी कि उत्तर कोरिया अपने स्थापना दिवस पर दुनिया में एक बार फिर से सनसनी फैलाएगा। माना जा रहा था कि उत्तर कोरिया उस दिन लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का टेस्ट कर सकता है जिसकी मारक क्षमता अमेरिका तक हो सकती है। इसकी दो वजह थीं। पहली वजह ये थी कि उत्तर कोरिया अक्सर अपने ऐतिहासिक दिवसों पर या उसके नजदीक हथियारों के परीक्षण करता है। दूसरी वजह यह थी कि कुछ दिन पहले अमेरिकी रिपोर्ट में यह बात कही गई थी कि उत्तर कोरिया की न्यूक्लियर साइट पर रॉकेट देखे गए हैं। यह भी बात सामने आई थी कि उत्तरर कोरिया अपनी मिसाइलों को समुद्री तट से लगी सीमा पर ले जा रहा है।

यह भी पढ़ें: खतरनाक मोड़ पर पाकिस्तान, बन सकता है दुनिया के लिए खतरा! 

बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का स्थापना दिवस नौ सितंबर को होता है। इस बीच अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों के लिए सोमवार को मतदान कराने का प्रस्ताव किया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि परमाणु बम को अमेरिका तक पहुंचाने की काबिलियत के लिए उत्तर कोरिया को बैलेस्टिक मिसाइल का अभी और विकास करना है। इसी के चलते वह जल्द ही लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर सकता है। उत्तर कोरिया के सरकारी अखबार रोडोंग सिनमुन के मुख्य पृष्ठ का संपादकीय इसकी पुष्टि करता है। उसमें लिखा गया है कि देश अत्याधुनिक हथियारों के विकास का सिलसिला जारी रखेगा। उन्हें ऐतिहासिक मौकों पर सार्वजनिक किया जाएगा। हथियारों के विकास को उत्तर कोरिया की नीतिगत विचार से जोड़ा गया है। यह विचार मार्क्सिवाद और अति राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत है।

यह भी पढ़ें: इस बम का एक धमाका कर सकता है कई शहरों को खत्म! 

यह भी पढ़ें: उत्तर कोरिया फिर कर सकता है बड़ा धमाका, भारत की भी बढ़ी चिंता 

यह भी पढ़ें: नार्थ कोरिया ने किया 100 किलोटन के हाइड्रोजन बम का परीक्षण, फिर बजी खतरे की घंटी