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लगातार पांचवें दिन कश्मीर बंद, अलगाववादी नजरबंद

कश्मीर में लगातार पांचवें दिन भी बंद के दौरान हिंसक झड़पे हुई। इन झड़पों में करीब एक दर्जन लोग जख्मी हो गए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sun, 17 Apr 2016 04:28 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी हड़ताल और बंद के दौरान हुई हिंसक झड़पों में करीब एक दर्जन लोग जख्मी हो गए। दो घायलों को पेलेट गन के घाव हैं।

इस दौरान हिंसक भीड़ ने बांडीपोर में पुलिस की एक खाली पड़ी चौकी को भी आग के हवाले कर दिया। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों के अलावा उत्तरी कश्मीर व दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में निषेधाज्ञा लागू रखी। साथ ही कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत सभी प्रमुख अलगाववादियों को लगातार पांचवें दिन अपने-अपने घरों में नजरबंद रखा।

इस बीच, एहतियातन रेल सेवा लगातार चौथे दिन और इंटरनेट सेवाएं तीसरे दिन बंद रहीं। हालांकि श्रीनगर व उसके साथ सटे इलाकों में ब्राडबैंड सेवा जारी थी, लेकिन उसकी गति बहुत ही धीमी रही। वहीं कश्मीर विश्वविद्यालय और राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की आज होने वाली सभी परीक्षाएं भी स्थगित रहीं। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवानों को बड़ी संख्या में तैनात कर रखा था। बावजूद इसके हंदवाड़ा, आवूरा, बेमिना, परींपोरा और दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में पुलिस को पथराव कर रही भीड़ को खदेडऩे के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

बांडीपोर के नाईदखेई इलाके में हिंसक भीड़ ने एक पुलिस द्वारा खाली की गई एक चौकी को आग लगा दी। यह चौकी स्थानीय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग व ट्यूशन उपलब्ध कराने के लिए ही अब पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी। गांदरबल के बारसू, कंगल के गुंड, बारामुला के पट्टन में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच सुबह से शाम तक ङ्क्षहसक झड़पों का दौर चला।

कुपवाड़ा के त्रेहगाम में दोपहर बाद हिंसा भड़की। भड़काऊ नारेबाजी कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठियों और आंसूगैस के साथ पेलेटगन का सहारा लेना पड़ा। इसमें दो युवक यावर रशीद व गौहर माजिद घायल हो गए। दोनों को उपचार के लिए श्रीनगर लाया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आज स्थिति बीते दिनों की तुलना में बेहतर रही है। आज ङ्क्षहसा भी कम हुई है और एक दर्जन के करीब ही लोगों को चोट पहुंची है।

गौरतलब है कि गत मंगलवार को कश्मीरी छात्रों के कथित उत्पीडऩ के खिलाफ कश्मीर बंद के दौरान शरारती तत्वों ने हंदवाड़ा में एक स्कूली छात्रा के साथ सैन्यकर्मियों द्वारा छेड़खानी की अफवाह फैलाई थी। इससे वहां हिंसा भड़क उठी और सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें चार लोग मारे गए।

इसके बाद से ही कश्मीर में लगातार हिंसक प्रदर्शनों और बंद का दौर चल रहा है। वहीं शुक्रवार को नतनुसा-कुपवाड़ा में ङ्क्षहसक भीड़ ने एक सैन्य शिविर पर हमला करते हुए उसे आग लगाने का प्रयास किया। भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने जवानों से हथियार भी छीनने की कोशिश की, जिस पर जवानों ने गोली चला दी। इसमें एक और युवक मारा गया था।

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