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फायर ब्रिगेड अफसर की चौकसी से बची दूसरी पनडुब्बी

मुंबई फायर ब्रिगेड के एक वरिष्ठ अधिकारी की चौकसी और समझदारी से नौसैनिक अड्डे (डॉकयार्ड) पर दूसरी दुर्घटना टल गई। सिंधुरक्षक पनडुब्बी में विस्फोट के बाद लगी की चपेट में आने से वहां खड़ी दूसरी पनडुब्बी और अन्य जहाजों को बचा लिया गया।

By Edited By: Updated: Thu, 15 Aug 2013 11:30 AM (IST)
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मुंबई। मुंबई फायर ब्रिगेड के एक वरिष्ठ अधिकारी की चौकसी और समझदारी से नौसैनिक अड्डे (डॉकयार्ड) पर दूसरी दुर्घटना टल गई। सिंधुरक्षक पनडुब्बी में विस्फोट के बाद लगी की चपेट में आने से वहां खड़ी दूसरी पनडुब्बी और अन्य जहाजों को बचा लिया गया।

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पढ़ें : सिंधुरक्षक की खासियत

फायर ब्रिगेड के उप प्रमुख पीएस रहांडले के मुताबिक वह गेट वे ऑफ इंडिया के समीप एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। उन्हें वहां तेज धमाके की आवाज सुनाई दी जिसके बाद उन्होंने फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया और खुद भी रवाना हो गए।

उन्होंने बताया,'धमाके से ही लग गया था कि बड़ा हादसा हुआ है। वहां का दृश्य विनाशकारी था।' रहांडले ने बताया कि सिंधुरक्षक से पांच-छह मीटर की दूरी पर दूसरा पनडुब्बी लगा था। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बचावकर्मी उसके पास भी नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने नौसेना और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अफसरों को भी चौकन्ना किया।

बचावकर्मियों ने सिंधुरक्षक और डॉकयार्ड पर लगे अन्य जहाजों के बीच पानी की दीवार बनाकर उन्हें वहां से सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सफल रहे।

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