Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

400 करोड़ के घोटाले में फंसे गुजरात के मंत्री सोलंकी

गुजरात के चर्चित पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी 400 करोड़ रुपये के घोटाले में फंस गए हैं। बहुचर्चित मछली पालन घोटाले में गांधीनगर की अतिरिक्त जिला जज रिजवाना घोघारी ने सोलंकी और पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Fri, 21 Aug 2015 08:01 AM (IST)
Hero Image

अहमदाबाद, नई दुनिया ब्यूरो। गुजरात के चर्चित पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी 400 करोड़ रुपये के घोटाले में फंस गए हैं। बहुचर्चित मछली पालन घोटाले में गांधीनगर की अतिरिक्त जिला जज रिजवाना घोघारी ने सोलंकी और पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

2008 का है घोटाला

यह घोटाला 2008 में हुआ था। इसमें सोलंकी और संघाणी का नाम सामने आया था। जज घोघारी के अनुसार पुलिस की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि सोलंकी और संघाणी सहित सात लोग इस घोटाले में शामिल थे। इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। गांधीनगर कोर्ट ने जिन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है, उनमें तत्कालीन मत्स्य राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, तत्कालीन मत्स्य पालन मंत्री दिलीप संघाणी, तत्कालीन मत्स्य सचिव अरुण कुमार सूतरिया, तत्कालीन उप सचिव विक्टर खराड़ी, तत्कालीन उप सचिव कमलेश कुमार तबियार, तत्कालीन विभागीय अधिकारी चंद्रिका बेन शाह एवं तत्कालीन विभागीय उप अधिकारी प्रद्युमन भट्ट शामिल है।

क्या है मामला

पालनपुर निवासी इशाक भटडिया नामक व्यक्ति की शिकायत के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। शिकायत में सोलंकी का नाम प्रमुख रूप से था। उस समय सोलंकी राज्य में मत्स्य पालन मंत्री थे। उन पर रिश्वत और पद का दुरुपयोग कर टेंडर बिना ही राज्य के तालाबों को मछली पालन के लिए आवंटित करने का आरोप था। जांच से पता चला था कि कुल 58 लोगों को बिना टेंडर के ही तालाबों का आवंटन कर दिया गया था। इशाक भटडिया ने ठेका निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने सभी ठेका रद कर नए सिरे से टेंडर जारी करने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट के आदेश पर गांधीनगर की अदालत में दर्ज हुआ मामला

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद तत्कालीन मंत्री सोलंकी के खिलाफ गांधीनगर कोर्ट में मामला दाखिल किया गया था। कोर्ट ने गांधीनगर पुलिस अधीक्षक को जांच सौंप कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। इसकी जांच तत्कालीन एसपी अर्चना शिवहरे के बाद शरद सिंघल को सौंपी गई थी। इन्होंने समय से जांच पूरी नहीं की तो कोर्ट ने अपराध निरोधक शाखा को जांच सौंपी। इस घोटाले की रिपोर्ट हाल ही में कोर्ट को सौंपी गई। रिपोर्ट मिलने के बाद गांधीनगर की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रिजवाना घोघारी ने उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दायर करने का आदेश दिया है।