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बारिश से कश्मीर के बिगड़े हालात, सरकार ने जारी किया अलर्ट

कश्मीर घाटी के लोग पिछले सात सितंबर को आई भीषण बाढ़ से हुई तबाही को भूल भी नहीं पाए थे कि शनिवार शाम से हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर पहले जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। झेलम समेत सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 11:14 AM (IST)
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जम्मू, जागरण न्यूज नेटवर्क। कश्मीर घाटी के लोग पिछले सात सितंबर को आई भीषण बाढ़ से हुई तबाही को भूल भी नहीं पाए थे कि शनिवार शाम से हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर पहले जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। झेलम समेत सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और घाटी में लगभग छह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। सरकार की तरफ से बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है। उधर, श्रीनगर के गांदरबल के नीलनाग इलाके में भूस्खलन होने से इसमें 16 लोगों के फंसे होने की आशंका है। किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ के 100 जवानों को जम्मू कश्मीर भेजा गया है।

लालचौक समेत कई इलाकों में पानी भर गया है और लोगों ने अपने घरों व दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया है। उधर झेलम मेडिकल कालेज में पानी घुस गया है और वहां के मरीजों को अन्यत्र स्थनांतरित कर दिया गया है। कश्मीर में 44 मकानों सहित पूरे राज्य में 50 मकान ढह गए हैं। इसके अलावा कश्मीर में बाढ़ में फंसे 237, जम्मू के पुंछ जिले में 20 लोगों सहित पूरे राज्य में करीब तीन सौ लोगों को पुलिस ने बचाया। वहीं जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी जगह-जगह भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया है।

हालात को भांपते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद भी दिल्ली से कश्मीर पहुंच गए और एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा कई मंत्रियों को हालात सामान्य होने तक वादी में रहने को कहा गया है। इस बीच सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मुख्यमंंत्री ने सेना से भी सहयोग के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है। सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए रेत की 12 लाख बोरियां मंगाई है।

कश्मीर के सभी स्कूल कालेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद करवा दिया है तथा परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इधर, जम्मू में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बिश्नाह में आसमानी बिजली गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई।

लगातार हो रही बारिश से झेलम, रंबियार, वेसु, दूधगंगा, लिद्दर समेत सभी प्रमुख नदियों-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लालचौक में दो फुट पानी जमा हो गया है। जिला उपायुक्त श्रीनगर फारूक अहमद लोन ने कहा कि ड्रेनेज की उचित व्यवस्था न होने के कारण ही विभिन्न इलाकों में पानी जमा हुआ है।

पुलवामा में पानी का स्तर बढऩे के साथ कई लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग का कहना है कि बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से है और यह सोमवार को कमजोर हो जाएगा।

फिर मौसम ने बरपाया कहर, 15 किसानों की मौत

पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय हो जाने से रविवार को उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बेमौसम बारिश हुई। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जम्मू-कश्मीर हुआ। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश होने की आशंका जाहिर की है। इस बीच उत्तर प्रदेश में 12, मध्य प्रदेश में 1, बंगाल में 1 और हरियाणा में 1 किसान की मौत सदमें के कारण हो गई।

देश की राजधानी नई दिल्ली तथा उससे सटे इलाकों में रविवार को दिन भर बादल छाए रहे। कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हुई और सोमवार सुबह भी बादल छाए रहे। नई दिल्ली में अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से चौपट हुई फसलों व बैंकों के कर्ज के कारण किसानों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान विभिन्न जिलों के 12 और किसानों ने दम तोड़ दिया। इसी बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दोपहर बाद कहीं बूंदाबांदी, तो कहीं तेज बारिश ने किसानों की बची-खुची उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जबेरा विकासखंड के मनगुवांघाट निवासी किसान रूपचंद्र लोधी ने फसल खराब होने के सदमे में रविवार सुबह अमरूद के पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली।

उत्तराखंड में भी मौसम ने करवट बदली है। रविवार को चारधाम समेत कई चोटियां बर्फ से ढक गई। साथ ही राज्य के लगभग सभी इलाकों में हल्की बारिश का सिलसिला दिनभर ही चलता रहा। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिससे गेहूं की फसल को क्षति पहुंची है।

टिहरी जिले में चाका के निकट मैलार गांव में घंटाकर्ण मंदिर के ऊपर आकाशीय बिजली गिरने से मंदिर का गुबंद क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि एक मकान में दरारें पड़ गईं। सोमवार को भी चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपदों में कुछ जगह हल्की से मध्यम वर्षा और बर्फबारी की आशंका जताई गई है।

विगत दिनों पश्चिमी विक्षोभ के चलते हरियाणा में हुई बरसात और ओलावृष्टि की मार से किसानों की हालत खराब हो गई हैं। रविवार को प्रदेश में कई स्थानों पर बूंदाबांदी और तेज हवा चलने से किसान सहमे नजर आए। आसमानी बिजली गिरने से हथीन में एक किसान और फरीदाबाद में पार्क में खेल रहे एक बच्चे की मौत हो गई।

बंगाल में आलू की बंपर फसल के कारण उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने से कर्ज के बोझ तले दबे एक किसान ने खुदकुशी कर ली। इसके साथ ही राज्य में इस साल खुदकुशी करनेवाले किसानों की संख्या 10 हो गई।

श्रीनगर में बारिश, जमीन धसने से कश्मीर में 44 मकान क्षतिग्रस्त

सदमे में किसान: बर्बाद फसलों के कारण 12 किसानों की मौत